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High Court : एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग व्यवस्था में लापरवाही पर हाईकोर्ट की कड़ाई, दो दिन में बताएं- नाइट लैंडिंग के लिए डीवीओआर इंस्टाल क्यों नहीं


 





बिलासपुर। बिलासा दाई एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग के मामले मेें बुधवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सरकारों के रवैए पर नाराजगी जताई। नाइट लैंडिंग का काम केंद्र और राज्य सरकार के बीच साल भर से अटका हुआ है। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि आखिर क्यों केन्द्र सरकार और डीजीसीए के डायरेक्शन के हिसाब से डीवीओआर नेविगेशन सिस्टम इंस्टाल नहीं किया जा रहा है। राज्य सरकार को मामले में जवाब के लिए दो दिन का समय दिया गया है।








 नियमों के अनुसार जब तक डीजीसीए डीवीओआर तकनीक के उपयोग की स्वीकृति नहीं देगा तब तक बिलासपुर एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग का काम आगे नहीं बढ़ेगा। छत्तीसगढ़ सरकार सैटेलाइट पर आधारित तकनीक का उपयोग करना चाहती है और इसके लिए केन्द्र सरकार के पास आवेदन किया गया है तो  केन्द्र और डीजीसीए डीवीओआर तकनीक के पक्षधर हैं।

 पिछले दिनों हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया था कि छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा नाइट लैंडिंग के लिए सैटेलाइट तकनीक के लिए पत्र लिखा गया था। 18 अप्रैल को केन्द्र सरकार ने अपने जवाब में कहा कि नाइट लैंडिंग के लिए डीवीओआर तकनीक लगाया जाना जरूरी है। इसके बिना अनुमति नहीं दी जा सकती। दूसरी ओर कोर्ट में एविएशन विभाग के एडिशनल डायरेक्टर पंकज जायसवाल और बिलासपुर एयरपोर्ट के डायरेक्टर एन विरेन सिंह ने बताया है कि राज्य सरकार ने नाइट लैंडिंग के लिए केन्द्र सरकार के डीजीसीए से सैटेलाइट तकनीक का उपयोग करने की अनुमति मांगी है।







यह है डीवीओआर तकनीक


डीवीओआर (डॉपलर वीएचएफ ओमनी डायरेक्शनल रेंज) एक छोटी या मध्यम दूरी की रेडियो नेविगेशन प्रणाली है। इसका उपयोग विमान से भेजे गए 108 से 117.95 मेगाहर्ट्ज के बीच वीएचएफ (बहुत उच्च आवृत्ति) सिग्नल का उपयोग करके अपने गंतव्य के संबंध में उनकी उड़ान की स्थिति और दिशा निर्धारित करने में सहायता के लिए किया जाता है। इससे लोकेशन स्पष्ट होती है और रात में भी विमान की लैंडिंग संभव हो पाती है।

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