बिलासपुर। डीएमएफ मद के कार्यों में हुए घोटाला मामले को सुनवाई के बाद शुक्रवार को हाईकोर्ट ने निराकृत कर दिया। कोर्ट ने कहा कि,इस मामले में जांच होने के बाद अब कार्रवाई भी की जाएगी। जनहित याचिका में भी जांच और कार्रवाई की ही मांग की गई थी।
जिला खनिज न्यास की राशि का दुरुपयोग करने के मामले में चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में महालेखाकार की ओर से एडवोकेट रमाकांत मिश्र ने कोर्ट को बताया कि प्रकरण के ऑडिट और जांच के बाद रिपोर्ट राज्य शासन को सौंप दी गई है। रिपोर्ट विधानसभा में भी प्रस्तुत की जाएगी। प्रकरण में कार्रवाई अब राज्य शासन को ही करना है। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि जांच हो चुकी है और अब मामले में कार्रवाई भी होगी,याचिका में भी यही मांग की गई है, इसी आधार पर याचिका निराकृत की जा रही है।
बता दें कि जिला खनिज न्यास की राशि का दुरुपयोग करते हुए कोरबा जिले में करीब 1200 करोड़ का घोटाला हुआ था। साथ ही जिला खनिज न्यास मद के तहत पूरे प्रदेश के तमाम जिलों में कुल मिलाकर लगभग दस हजार करोड़ का गोलमाल किया गया। इसे लेकर कोरबा निवासी सामाजिक कार्यकर्ता संतोष कुमार राठौर और 4 अन्य लोगों ने अधिवक्ता संजय कुमार अग्रवाल के जरिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की।
इसमें बताया गया कि, खनिज न्यास के कार्यों में नियमों का उल्लंघन किया गया है और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है। डीएमएफटी रूल्स 2015 के नियम 25 (3) 12 (3) 12 (6 )12 (2) की अवहेलना की गई है। न्यास में लम्बे समय से टीडीएस नहीं काटा जा रहा है। महालेखाकार से वार्षिक ऑडिट भी नहीं कराया जा रहा है। खनिज न्यास से हो रही आय की राशि का सही उपयोग नहीं किया जा रहा है, इसका कहीं कोई हिसाब भी नहीं रखा जा रहा है।