बिलासपुर। भिलाई से कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को बिलासपुर हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। पूर्व बीजेपी विधायक प्रेम प्रकाश पांडेय की चुनावी याचिका को हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है और निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका को कोर्ट ने सुनवाई योग्य माना है। दरअसल इससे पहले, विधायक देवेंद्र यादव ने सुनवाई नहीं करने के लिए आवेदन लगाया था। देवेंद्र पर चुनाव के दौरान गलत जानकारी बताने का आरोप लगा है। आपराधिक रिकॉर्ड छुपाने का भी आरोप है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी।
ज्ञात हो कि इस बार विधानसभा चुनाव में भिलाई विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पांडेय और कांग्रेस से देवेंद्र यादव उम्मीदवार थे। चुनाव परिणाम देवेंद्र यादव के पक्ष में आया था। इसे चुनौती देते हुए प्रेमप्रकाश पांडेय ने हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर की। इसमें देवेंद्र यादव पर नामांकन पत्र में आपराधिक केस और संपत्ति की जानकारी छिपाने का आरोप लगाया गया है। याचिका में कहा गया है देवेंद्र यादव ने लोक प्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन किया है। याचिका में बताया गया है कि चुनाव आयोग प्रत्येक प्रत्याशी से शपथपत्र में आपराधिक और संपत्ति संबंधी मामलों की जानकारी मांगता है लेकिन, आयोग से जानकारी छिपाना प्रावधानों का उल्लंघन है। यदि कोई उम्मीदवार इस तरह की जानकारी छिपाता है, तो उसका निर्वाचन शून्य घोषित किया जा सकता है।
याचिका में यह भी तर्क दिया गया है कि विधायक यादव ने आयोग के दिशानिर्देश और जनप्रतिनिधित्व कानून का खुला उल्लंघन करते हुए संपत्ति के संबंध में महत्वपूर्ण तथ्यों को भी दबाने का प्रयास किया है। उन्होंने साल 2018-2019 में उन्होंने अपनी आय 2 लाख रुपए बताई थी। नामांकन पत्र जमा करते समय प्रस्तुत शपथ पत्र में भी अपनी दो लाख की आय होना बताया है। इस चुनाव याचिका में जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों को ही प्रमुख आधार बनाया था।