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Bilaspur. भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड तेजी से बढ़ रही है. पिछले कुछ सालों में देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल सेग्मेंट जबरदस्त ग्रोथ देखी गई है और इंडस्ट्री के एक्सपर्ट से लेकर सरकार तक को इस बात का पूरा भरोसा है कि आने वाला समय और भी बेहतर होगा.परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि भारत में हर साल तकरीबन 1 करोड़ इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री होगी और इससे लगभग 5 करोड़ जॉब्स जेनरेट होंगे.
नितिन गडकरी ने कहा कि, "आज भारत दुनिया में 30 प्रतिशत फॉसिल फ्यूल की खपत करता है, और हमारी ज्यादातर निर्भरता आयात पर ही है. हम तकरीबन 16 लाख करोड़ रुपये केवल पेट्रोल-डीजल और क्रूड ऑयल के आयात पर खर्च कर रहे हैं, जो कि राष्ट्र के जीडीपी का लगभग 3 प्रतिशत है. यह दुर्भाग्यपुर्ण है कि देश के ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर का 85 प्रतिशत जरूरतें केवल आयातित फॉसिल फ्यूल से ही पूरी होती हैं."
भारत तीसरा सबसे बड़ा ऑटो बाजार
अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोटिव बाजार है. इस समय ऑटो इंडस्ट्री का उद्योग तकरीबन 12.5 लाख करोड़ रुपये का है, हर साल वाहनों की संख्या में 10 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिल रहा है. इतना ही नहीं भारत का ऑटो-सेक्टर अकेले देश में 40 प्रतिशत कार्बनडाइ ऑक्साइड के उत्सर्जन का कारण है. डीजल इंजन से चलने वाले वाहन प्रदूषण का प्रमुख कारण हैं और ये वातावरण के लिए बेहद ही हानिकारक हैं.