बिलासपुर। सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थ बीएड डिग्रीधारकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ भेदभाव नहीं करेंगे। इस टिप्पणी के साथ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के पूर्व के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है। शीर्ष कोर्ट ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार कार्रवाई करने का निर्देश भी राज्य शासन को दिया है।
डीएलएड डिप्लोमाधारकों ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सहायक शिक्षक के पद पर बीएड डिग्रीधारकों की नियुक्ति को अवैध ठहराने की मांग की थी। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि प्राथमिक स्कूल के बच्चों के लिए डीएलएड डिप्लोमाधारी ही योग्य हैं। हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल के बच्चों के अध्ययन अध्यापन के लिए बीएड डिग्रीधारकों का चयन किया जाता है।
मामले की सुनवाई के बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में बीएड डिग्रीधारकों को सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने को नियम विरुद्ध माना था। इस टिप्पणी के साथ ही प्राइमरी स्कूल में पदस्थ बीएड डिग्रीधारक शिक्षकों की नियुक्तियों को निरस्त कर दिया। कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर छह सप्ताह के भीतर संशोधित चयन सूची जारी करने का निर्देश दिया था। आदेश में कोर्ट ने यह भी कहा है कि संशोधित चयन सूची में बीएलएड पास उम्मीदवारों को समुचित अवसर दिया जाए।