बिलासपुर। शनिवार को लोक अदालत में सात लाख तिहत्तर हजार से अधिक प्री लिटिगेशन तथा चौसठ हजार पांच सौ से अधिक लंबित मामलों सहित लगभग आठ लाख से अधिक प्रकरण निराकृत किए गए। 1अरब,99 करोड़ रुपये के भुगतान के लिए अवार्ड पारित किए गए।
इस अवसर पर चीफ जस्टिस व मुख्य संरक्षक राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण
रमेश सिन्हा द्वारा राज्य के सभी 23 जिला एवं सत्र न्यायालयों से वर्चुअल माध्यम से जुडकर लोक अदालत की कार्यवाहियों का निरीक्षण किया गया। उन्होंने सभी जिलों के प्रधान जिला न्यायाधीशों व अन्य खण्डपीठ के पीठासीन अधिकारियों से संवाद और चर्चा की। साथ ही लोक अदालत की प्रगति का जायजा लिया। उन्होंने अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण के लिए अधिकारियों का मार्गदर्शन करते हुए प्रोत्साहित किया।
वर्चुअल मोड में निरीक्षण के दौरान चीफ जस्टिस ने जिला न्यायलय रायगढ़ के एक प्रकरण में समझौता करने के लिए समझाइश दी। एक उम्रदराज पति पत्नी के मध्य घरेलू हिंसा का विवाद था और वे अलग अलग रह रहे थे। लोक अदालत के दौरान उनका समझौता हुआ और वे एक साथ रहने के लिये तैयार हो गये। चीफ जस्टिस ने पक्षकारों के प्रयासों की सराहना की और दम्पती को भविष्य के खुशहाल जीवन के लिए शुभकामनाएं दी।
चीफ जस्टिस सिन्हा ने हाईकोर्ट में नेशनल लोक अदालत के लिए गठित दो खण्डपीठों का भी भ्रमण किया। उन्होंने लोक अदालत की कार्यवाहियों का जायजा लेते हुए अधिवक्ताओं एवं पक्षकारों को लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों को निराकृत कराने के लिए प्रेरित किया।
उल्लेखनीय है कि चीफ जस्टिस की पहल पर छत्तीसगढ़ राज्य के इतिहास में पहली बार हाईकोर्ट के सभी जजों ने भी अपने पोर्टफोलियो जिलों में भ्रमण किया। जजों ने नेशनल लोक अदालत की कार्यवाहियों का निरीक्षण किया और लोक अदालत के पीठासीन अधिकारियों, सदस्यों व पक्षकारों को अधिक से अधिक मामले निपटाने के लिये प्रोत्साहित किया गया। इससे मामलों के निराकरण और पक्षकारों को राहत दिलाने में सहायता मिली।