Bilaspur. आज संसद भवन में प्रस्तावित नर्मदा एक्सप्रेसवे जो कबीर चबूतरा (अमरकंटक) से शुरू होगा और डिंडोरी से जबलपुर, ओबेदुल्लागंज, बुधनी, नसरुल्लागंज, संदलपुर, करनावद, इंदौर, धार, सरदारपुर और झाबुआ (मध्य प्रदेश/गुजरात सीमा) तक विस्तारित होगा। इसकी कुल लंबाई लगभग 906 किमी है। जिसे जिला-बिलासपुर, छत्तीसगढ़ एवं आस-पास के जिलों की आम जनता की पुरजोर मांग है कि नर्मदा
एक्सप्रेसवे का विस्तार रतनपुर, जिला-बिलासपुर तक किया जाय ताकि यह एक्सप्रेसवे रतनपुर धार्मिक स्थल मा महामाया मंदिर से जुड़ सके। अमरकंटक से रतनपुर तक नर्मदा एक्सप्रेसवे को रतनपुर (धार्मिक नगरी) को पर्यटन के दृष्टिकोण से एवं राष्ट्रीय राजमार्ग 130 कोरबा (ऊर्जाधानी) एस.ई.सी.एल. जहां देश की 02 बड़ी कोयला खदान हैं एवं एन.टी.पी.सी. सीपत को जोड़े जाने से ओद्योगिक क्षेत्र के आयात निर्यात में हो रही असुविधा से बचा जा सकेगा। ऐसे में कबीर चबूतरा अमरकंटक से रतनपुर तक 124 किमी 4 लेन नर्मदा एक्सप्रेसवे को बढ़ाया जाना अत्यावश्यक होगा।
इससे औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा तथा रोजगार के अवसरों का भी सृजन होगा। यह छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश एवं गुजरात के व्यावसायिक विकास के लिये भी गेमचेंजर साबित होगा। रतनपुर, जिला-बिलासपुर तक इस एक्सप्रेसवे के विस्तार की आवश्यकता एवं आम जनता को मिलने वाले लाभ मिलेगा। श्री साहू ने अपने मांग पत्र के माध्यम से नर्मदा एक्सप्रेसवे का विस्तार रतनपुर, जिला- बिलासपुर, छत्तीसगढ़ तक करने के लिए मांग किये।