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High Court : न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ आरोप या जांच तो उनको नहीं मिलेगा कैरियर प्रगति वेतनमान




बिलासपुर। हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने न्यायिक अधिकारियों के सुनिश्चित कैरियर प्रगति स्केल (एसीपीएस) के संबंध में महत्वपूर्ण आदेश जारी किए हैं। आदेश के अनुसार, जिन न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र हैं और विभागीय जांच चल रही है, उनको एसीपीएस अनुसार वेतनमान का लाभ नहीं मिल पाएगा।











19 जुलाई को जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि कोई अधिकारी छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम, 1966 के नियम 10 के तहत सजा की अवधि से गुजर रहा है, तो उसे एसीपी के अनुदान के लिए उपयुक्त नहीं माना जाएगा।





जांच या मुकदमे पर भी नहीं मिलेगा लाभ


जिन न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक मामले या आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं, उनके मामले लंबित रखे जाएंगे जब तक कि जांच या मुकदमा समाप्त नहीं हो जाता। यदि जांच या मुकदमे के समापन पर अधिकारी दोषमुक्त हो जाते हैं, तो उनके मामले पुनः समीक्षा के लिए खोले जाएंगे और उप-समिति की सिफारिश पर पात्रता की तारीख से कार्रवाई की जाएगी। न्यायिक अधिकारी के 6वें और 11वें वर्ष के कार्यकाल के बाद छह महीने के भीतर एसीपीएस प्रदान किया जाएगा। यदि एसीपीएस देने में देर होती है, तो प्रत्येक वर्ष के लिए एक अतिरिक्त वेतन वृद्धि प्रदान की जाएगी।








जूनियर सिविल जज को इन शर्तों पर मिलेगा लाभ


सिविल जज जूनियर डिवीजन को एसीपीएस स्केल का लाभ मिलने के लिए पिछले पांच वर्षों के कार्य के दौरान कम से कम तीन “सी” ग्रेड और उस अवधि के दौरान एक से अधिक बार “ई” ग्रेड नहीं दिया गया हो। कम से कम एक “बी” और दो “सी” ग्रेड और प्रथम सुनिश्चित कैरियर प्रगति ग्रेड के अनुदान के बाद पिछले पांच वर्षों के दौरान एक बार भी “ई” ग्रेड नहीं दिया गया हो। किसी सिविल जज जूनियर डिवीजन को एसीपीएस स्केल के लाभ से तब तक वंचित नहीं किया जाएगा, जब तक कि संबंधित अधिकारी का कार्य लगातार खराब या असंतोषजनक न हो।


 सीनियर डिवीजन सिविल जज के कार्यों का आंकलन


सिविल जज के रूप में पदोन्नति के बाद पिछले पांच वर्षों के दौरान कार्य में कम से कम एक “बी” और दो “सी” ग्रेड और उस अवधि के दौरान एक बार भी “ई” ग्रेड नहीं दिया गया हो।कम से कम तीन “बी” ग्रेड और दो बार “डी” ग्रेड नहीं दिया गया हो और प्रथम सुनिश्चित कैरियर प्रगति ग्रेड के अनुदान के बाद पिछले पांच वर्षों के दौरान एक बार भी “ई” ग्रेड नहीं दिया गया हो।


कामकाज का आंकलन इस तरह


प्रति माह की सुनवाई में नियमित औसत सिविल और आपराधिक लंबित प्रकरणों की संख्या संबंधित वर्ष में 350 मामलों से कम होनी चाहिए। अधिकारी सीबीआई मामलों या अन्य विशेष मामलों की सुनवाई कर रहे हों, तो उन्हें छूट दी जाएगी।

किसी भी अन्य टिप्पणी पर संबंधित अधिकारी को स्पष्टीकरण देने का अवसर प्रदान किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि यह आदेश न्यायिक अधिकारियों की प्रदर्शन समीक्षा में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जारी किया गया है।

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