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22 जुलाई से 5 दिवसीय और 2 अगस्त से 3 दिवसीय निःशुल्क शिविर , बिलासपुर के प्रथम गैर शासकीय आयुर्वेदिक चिकित्सा संस्थान वैधशाला में... वात, त्वचा समेत कई रोगों का दिया जायेगा चिकित्सा परामर्श

 



श्वास रोग, प्राणवह, स्त्रोतस की प्रमुख व्याधि है. इस रोग में प्राणवह स्त्रोतस में अवरोग होने से नियमित रूप से होने वाली श्वास- प्रश्वास प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न होने से रोगी को श्वसन क्रिया में कष्ट की अनुभूति होती है. 





वर्तमान में पूरा विश्व प्रगति की ओर अग्रसर है. लेकिन ये प्रगति प्रदुषण रूपी अभिशाप को जन्म दे रही है और इसे सहने के लिए सामान्य जन विवश है. महानगरों में बढ़ते कारखाने, बढ़ती वृक्षों की कटाई, वाहनों से प्रदुषण वायु को दूषित कर रहे है. ये प्रदूषित वायु एवं उसके साथ अन्य रोग कारक प्रदूषित कण साँस के साथमनुष्य के श्वसन संस्थान प्रवेश कर अनेक प्रकार के रोग उत्पन्न कर रहे है. श्वास रोग वात और कफ की विकृत्ति होती है 



सामान्य कारण 


  • धुल धुंए, गंध युक्त पुष्प एवं प्रदार्थ, परागकण आदि से एलर्जी 
  • शीत स्थानों में रहने, शीट प्रदार्थों का सेवन 
  • तंबाकू एवं ध्रूमपान के सेवन से 
  • विभिन्न प्रकार के संक्रमण से 
  • अधिक रुक्ष अन्न एवं विषम अन्न के सेवन से 


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