बिलासपुर। रतनपुर क्षेत्र के गांवों के खेतों में करंट आने पर 10 गांवों के किसानों को खेती छोड़नी पड़ी है। हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान याचिका पर सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र शासन के चीफ इलेक्ट्रिकल ऑफिसर को स्थल निरीक्षण के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है किन कंपनियों के टॉवर लगे हैं और करंट कहां से लीकेज हो रहा है, इसकी पूरी जानकारी रिपोर्ट में दी जाए। अगली सुनवाई 20 अगस्त को है।
रतनपुर क्षेत्र के आठ से दस गांव ऐसे हैं जहां बिजली की हाइटेंशन तार से खतरा है। इन गांवों में 20 से अधिक टावर होने की वजह से जमीन पर करंट दौड़ रहा है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने मामले को गंभीरता से लिया और सुनवाई करते हुए राज्य शासन, पॉवर ग्रिड कंपनी, जबलपुर ट्रांसमिशन कंपनी सहित बिजली विभाग के अफसरों को पक्षकार बनाते हुए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस ने हाईटेंशन तार बिछाने वाली सरकारी कंपनी पावर ग्रिड कार्पोरेशन और यहां इस काम को पूरा करने वाली जबलपुर ट्रांसपोर्टेशन कंपनी से इन जगहों पर इंजीनियरों को भेजकर पूरी जांच कराने के निर्देश दिए थे। वास्तविक स्थिति क्या है और यदि ऐसा कुछ हो रहा है तो इसकी रिपोर्ट व्यक्तिगत शपथपत्र पर कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया गया है।केंद्र शासन ने की ओर से कहा गया था कि हमने पावर ग्रिड को लाइसेंस दिया है। कंपनी ने करंट और इस तरह की कोई जानकारी नहीं दी। ऐसा किया जाता तो सरकार पहले पहले सर्वे कराकर जांच रिपोर्ट जारी करती। चीफ जस्टिस ने केंद्र से सारी वस्तुस्थिति बताते हुए शपथपत्र पर जवाब माँगा है।