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कलेक्टर ने बाईक से किया मलेरिया प्रभावित गांवों का दौरा,लोगों को समझाने चौक में लगाई मलेरिया चौपाल

 





बिलासपुर. कलेक्टर श्री अवनीश शरण ने कोटा विकासखण्ड के मलेरिया प्रभावित कुरदर, छुईहा, टेंगनमाड़ा सहित अनेक ग्रामों का दौरा किया। बारिश के कारण भारी कीचड़ एवं दलदल से सने छुईहा एवं चिखलाडबरी सड़क मार्ग का बाईक में सवार होकर निरीक्षण किया। चार पहिया वाहन आ-जा नहीं पाने के कारण मरीजों सहित आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने सड़क को दो दिनों में सुधार कर आने-जाने योग्य बनाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कुरदर में मलेरिया चौपाल लगाकर हालात की समीक्षा की। उन्होंने स्वयं मितानिन से मलेरिया जांच कराकर उनके द्वारा आम नागरिकों का किये जा रहे जांच का परीक्षण किया। एसडीएम श्री युगल किशोर उर्वशा सहित स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम मौजूद थी।





    कलेक्टर श्री अवनीश शरण ने आज लगभग तीन चार घण्टे तक कोटा ब्लॉक के दूरस्थ मलेरिया पीड़ित इलाके का सघन दौरा किया। ग्रामीणों और स्वास्थ्य विभाग के मैदानी कर्मचारियों से हालात की जानकारी ली। कुरदर के सरपंच श्री राजकुमार पैंकरा से भी चर्चा की। उन्होंने रोज शाम को जनचौपाल लगाकर लोगों में जागरूकता फैलाने को कहा है। उन्होंने एक बाईक एम्बुलैंस को कुरदर मंे चौबीसों घण्टे रखने के निर्देश दिए। सभी चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मचारियों को मुख्यालय में रहने को कहा है। कैंदा अस्पताल को एक 108 वाहन उपलब्ध कराने को कहा है। कुरदर में पानी एवं बिजली की समस्या के निदान करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। 






      उन्होंने टंेगनमाड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का भी निरीक्षण किया। गत दिवस करवा ग्राम के एक ही परिवार के दो बच्चों की मलेरिया से मौत की पुष्टि हुई है। कलेक्टर ने कहा कि डायरिया और मलेरिया को हल्के में ना ले। प्रभावित ग्रामों का पूरा सर्वेक्षण करें। 





आरडी कीट से मलेरिया की जांच करें। यदि फेल्सिफेरम मलेरिया कन्फर्म होती है तो स्थानीय स्तर पर इलाज न करके सीधे जिला अस्पताल अथवा सिम्स में भर्ती के लिए रिफर किया जाये। उन्होंने कहा कि स्कूलों में प्रार्थना के उपरांत बच्चों को डायरिया एवं मलेरिया से बचने के उपाय बताएं। रोज-रोज उन्हें बताए। दवा लेने के बाद इसका सेवन नहीं किये जाने की सूचना भी कई जगहों से मिली। कलेक्टर ने कहा कि मरीजों के घर का फोन नम्बर लेकर लगातार इसकी मॉनीटरिंग किया जाये। इसके लिए एक अलग कर्मचारी की ड्यूटी लगाया जाये। 






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