बिलासपुर। हाईकोर्ट ने एक मामले में समय सीमा में विभागीय जांच पूरी करने के निर्देश दिए हैं। छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग, रायपुर में पदस्थ सहायक संचालक अजय कुमार श्रीवास्तव को अगस्त 2022 में एक आरोप पत्र जारी कर विभागीय जांच कार्यवाही प्रारंभ की गई थी। आरोप पत्र जारी करने के एक वर्ष पांच माह तक मामले में जांच या कोई प्रक्रिया नहीं की गई। इसके पश्चात् जांचकर्ता अधिकारी एवं प्रस्तुतकर्ता अधिकारी की नियुक्ति की गई। उक्त विलंबपूर्ण एवं नियम विरुद्ध कार्यवाही से क्षुब्ध होकर श्रीवास्तव द्वारा वकील अभिषेक पांडे के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई।
कोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग, रायपुर द्वारा 12 मार्च 2013 को जारी सर्कुलर और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार किसी भी शासकीय कर्मचारी के विरुद्ध विभागीय जांच कार्यवाही की अधिकतम समयसीमा 6 माह है जिसे अधिक से अधिक 1 वर्ष के भीतर पूर्ण किया जाना अनिवार्य है, परन्तु सचिव एवं संचालक आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा 2 वर्ष पूर्ण हो जाने के पश्चात् भी याचिकाकर्ता के विरुद्ध विभागीय जांच पूर्ण नहीं की गई है।
सुनवाई के बाद कोर्ट ने सचिव एवं संचालक, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग को निर्देशित किया कि वे याचिकाकर्ता के विरुद्ध संचालित विभागीय जांच को निर्धारित समयसीमा में पूर्ण कर तत्काल अंतिम आदेश पारित करें।