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High Court : 30 वर्ष की सेवा के बाद रिटायर्ड कर्मचारी को नहीं मिला वेतनमान, फिर हाईकोर्ट ने दिया यह आदेश



बिलासपुर। हाईकोर्ट ने एक मामले में तीस वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने के आधार पर तृतीय समयमान वेतनमान को लेकर निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट ने रिटायर्ड याचिकाकर्ता के इस संबन्ध में दिए आवेदन को नियमानुसार निराकृत करने कहा है।







ग्राम-खैरताल, पोस्ट-अर्जुनी, जिला-बलौदा बाजार निवासी कुन्जराम ध्रुव की वर्ष 1989 में आबकारी आरक्षक के पद पर प्रथम नियुक्ति हुई थी। वर्ष 2020 में उनका मुख्य आरक्षक के पद पर प्रमोशन हुआ। 62 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद 30 अप्रैल 2024 को वे सेवानिवृत्त हुए। तीस वर्ष की सेवाअवधि पूर्ण करने के पश्चात् भी तृतीय समयमान वेतनमान प्रदान ना किये जाने से क्षुब्ध होकर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि छत्तीसगढ़ शासन, वित्त विभाग, रायपुर द्वारा 28 अप्रैल 2008 को सर्कुलर जारी किया गया है। इसके तहत राज्य के शासकीय कर्मचारी 10 वर्ष की सेवा अवधि पूरी होने पर प्रथम समयमान वेतनमान, 20 वर्ष की सेवा के बाद द्वितीय समयमान वेतनमान पाने के अधिकारी हैं।


 इसके साथ ही राज्य के वित्त विभाग द्वारा 8 अगस्त 2018 एवं 25 जनवरी 2021 को जारी सर्कुलर के तहत् जो शासकीय कर्मचारी 1 जनवरी 2016 या उसके पश्चात् तीस वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण कर चुके हैं वे तृतीय समयमान वेतनमान के पात्र हैं। चूंकि याचिकाकर्ता 1 जनवरी 2016 के पश्चात् सितम्बर 2019 तीस वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण कर चुका है।इसलिए याचिकाकर्ता तृतीय समयमान वेतनमान का पात्र है। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने उक्त याचिका को स्वीकार कर आयुक्त, आबकारी एवं अपर आयुक्त, आबकारी विभाग, रायपुर को यह निर्देशित किया कि वे याचिकाकर्ता को सितम्बर 2019 से तृतीय समयमान वेतनमान और उसके एरियर्स की राशि प्रदाय किये जाने के लिए याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन का तत्काल निराकरण करें।

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