copyright

Breaking : टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर में बदल दिया बच्चा, डीएनए टेस्ट से हुआ सनसनीखेज खुलासा

 



बिलासपुर। रायपुर के पहलाजानी  टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर में बच्चा बदलने पर माता-पिता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इसमें दो डाक्टरों के खिलाफ धोखाधड़ी का आरोप लगाते कार्रवाई करने और बच्चे को वापस दिलाने की गुहार लगाई। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविन्द्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने प्रबंधन और डाक्टरों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।






याचिका में बताया गया है कि, वे दो साल से रायपुर के पहलाजानी सेंटर में इलाज करा रहे थे। उनको जुड़वा बच्चे हुए, जिसमें एक बेटा और एक बेटी थी। लेकिन बाद में दो बच्चियां उनको दे दी गईं। शिकायत पर अस्पताल प्रबंधन ने सुनवाई नहीं की तो डीएनए टेस्ट करवाया गया, जिसमें एक बच्ची का डीएनए मैच नहीं हुआ। प्रारंभिक सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रवींद्र कुमार अग्रवाल की बेंच ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया।




जगदलपुर के बड़े बचेली निवासी अशोक सिंह की दो बेटियां हैं। कुछ साल पहले बेटे की मौत हो गई थी। पत्नी उषा सिंह के कहने पर रायपुर के पहलाजानी टेस्ट ट्यूब सेंटर में 27 अक्टूबर 2022 को आइवीएफ तकनीक के जरिए ट्रीटमेंट शुरू कराया। 6 सप्ताह बाद 8 दिसंबर 2022 को गर्भपात हो गया। वजह शारीरिक कमजोरी बताई गई। हास्पिटल प्रबंधन ने दूसरी बार फिर से 24 अप्रैल 2023 को प्रक्रिया शुरू की। इसके बाद वे नियमित जांच कराने आते रहे। दिसंबर 2023 में पत्नी की तबीयत बिगड़ने पर रायपुर पहुंचे और सेंटर में भर्ती कराया। हालत देखकर उषा सिंह को प्रसव के लिए डॉक्टर आपरेशन थिएटर ले गए। कुछ समय बाद जब उसे बाहर निकाला गया तो पत्नी को बताया गया कि एक बेटा और एक बेटी हुई है। बाद में अस्पताल स्टाफ ने मां को जुड़वां बच्ची लाकर सौंप दीं।सिंह ने जब बेटी के साथ बेटा होने के बारे में पूछा तो अस्पताल स्टाफ ने इंकार कर दिया। शक होने पर सिंह ने डीएनए टेस्ट के लिए निजी लैब से संपर्क किया। उनकी वैन  टेस्ट ट्यूब सेंटर परिसर लाई गई। वहीं वैन में ही दोनों बच्चियों का सैंपल लिया। एक बच्ची की रिपोर्ट 90 प्रतिशत मैच हुई। जबकि दूसरे की मैचिंग जीरो थी। इसके बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मामले में एफआईआर, जांच और कार्रवाई की मांग की गई।




डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए राज्य शासन, रायपुर एसपी और अस्पताल प्रबंधन के साथ ही स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरजा पहलाजानी और डॉ. समीर पहलाजानी को नोटिस जारी किया है। आरोपियों को जवाब के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.