बिलासपुर। सिम्स की बदहाली को लेकर स्वतः संज्ञान याचिका पर चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने कलेक्टर को व्यवस्था दुरुस्त करने किये जा रहे कामों की जानकारी लेने के बाद शपथपत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 12 सितंबर को निर्धारित की गई है।
सिम्स मेडिकल अस्पताल में आम मरीजों के इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं है।दूर दूर से यहाँ आने वाले मरीज कुछ दिन भर्ती होने के बाद या तो मजबूर होकर वापस लौट जाते हैं या किसी प्रायवेट हॉस्पिटल में इलाज कराने पर मजबूर हो जाते हैं। इस संबन्ध में प्रकाशित समाचार पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने स्वयं संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में सुनवाई के दौरान सीजीएमएससी के वकील ने कहा था कि सिम्स मेडिकल कॉलेज के डीन के पास 95 लाख का फंड है।
दवा खरीदी और अन्य जरूरतों के लिए इस राशि का इस्तेमाल किया जा सकता है।
सोमवार को हुई सुनवाई में कलेक्टर ने अपनी ओर से शपथपत्र प्रस्तुत कर बताया कि, शासन द्वारा सिम्स की व्यवस्था को सुधारने के सारे उपाय किये जा रहे हैं। इसके बाद चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने कहा कि, अस्पताल में जो सीपेज की समस्या है और ड्रेनेज सिस्टम खराब पड़ा हुआ है, उसे तत्काल ठीक करने की जरूरत है , इसके लिये जरूरी कार्रवाई की जाये।