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High Court : सेना के कब्जे वाली जमीन का सीमांकन पूरा, अब एयरपोर्ट के रनवे की बढ़ेगी लंबाई चौड़ाई

 




बिलासपुर। एयरपोर्ट के लिए सेना के कब्जे वाली जमीन का सीमांकन पूरा हो गया है। अब जमीन हस्तांतरण हो सकेगा।राज्य शासन को नाइट लैंडिंग पर बैठक कर सहमति बनाने के बाद इसकी प्रक्रिया शुरू करनी है।



पिछली सुनवाई में जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस राधाकृष्ण अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने 29 तारीख से सीमांकन शुरू कर हर हाल में 15 दिन में प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए थे। सीमांकन पूरा होने के बाद स्थानीय प्रशासन का काम पूरा हो गया है। हालांकि जमीन के लिए नई दरों के अनुसार राशि जमा करने को लेकर अभी सेना से फाइनल तौर पर जमीन का हस्तांतरण होना बाकी है। जमीन का सीमांकन पूरा हो जाने के बाद अब इसके हस्तांतरण की औपचारिकता शेष रह गई है। हालांकि 90 करोड रुपए की राशि पहले से ही राज्य सरकार के द्वारा रक्षा मंत्रालय को जमा की जा चुकी है । वर्तमान में बिलासपुर एयरपोर्ट का रनवे 30 मीटर चौड़ा और 1500 मीटर लंबा है और यहां 80 सीटर विमान तक उतार सकते हैं लेकिन बोइग और एयरबस जैसे विमान उतरने के लिए कम से कम 2200 मीटर का रनवे और 45 मीटर चौड़ाई जरूरी है। अर्थात 700 मीटर लंबाई बढाने के साथ ही पूरे 2200 मीटर रनवे की चौड़ाई को भी 45 मीटर करना जरूरी है ।




इसके बाद भविष्य में रनवे को 2885 मीटर तक लंबा करने की योजना है। इससे बड़े बोइंग और एयर बस जिनकी क्षमता 400 यात्री तक होगी वह भी उतर सकेंगे।





नाइट लैंडिंग शुरू करने के लिए होनी है प्रक्रिया


उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने डीवीओआर टेक्नोलॉजी लगाने के लिए राज्य सरकार की सहमति के बाद नाइट लैंडिंग और जमीन सीमांकन का काम तेज करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि कोर्ट के निर्देश पर हुई बैठक में केंद्र सरकार ने जो निर्देश नाइट लैंडिंग के सम्बन्ध में दिए गए है उन्हें मानने के लिए राज्य सरकार तैयार हो गया है। इससे नाइट लैंडिंग के लिए केंद्र सरकार की एजेंसीज के साथ मिल कर जल्दी से जल्दी डीवीओआर आदि उपकरणों के स्थापना की प्रक्रिया एयरपोर्ट में शुरू हो जाएगी। साथ ही सीमांकन के बाद अब 287 एकड़ जमीन सेना के कब्जे से एयरपोर्ट प्रबंधन को हस्तांतरित हो जाएगी।

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