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High Court : रिलीव किए गए कर्मचारी बने पेंडुलम, सिम्स में ही ज्वाइनिंग देने के आदेश




बिलासपुर। हाईकोर्ट ने सिम्स से रिलीव किए गए 10 कर्मचारियों को अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से सिम्स में ही ज्वाइनिंग देने के आदेश दिए हैं। इन कर्मचारियों को जून में सीएमएचओ कार्यालय के लिए रिलीव कर दिया गया था। सीएमएचओ कार्यालय ने भी विभाग से कोई निर्देश न होने की बात कहते हुए अपने यहां ज्वाइनिंग नहीं दी। इससे ये कर्मचारी अधर में थे।



सिम्स प्रशासन द्वारा 28 जून 2024 को आदेश जारी कर सिम्स अस्पताल से 10 कर्मचारियों को एकतरफा रिलीव कर दिया गया था। ये कर्मचारी लगभग 20-25 साल से सिम्स में कार्यरत थे। आदेश का पालन करते हुए ये कर्मचारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) कार्यालय पहुंचे तो उनको पद रिक्त न होने की बात कहते हुए ज्वाइनिंग नहीं दी गई। बल्कि सीएमएचओ कार्यालय ने 4 जुलाई 2024 को सिम्स नाम पत्र लिखा कि राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय द्वारा निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं, इसलिए उनकी ज्वाइनिंग संभव नहीं है। दोनों ही जगह ज्वाइनिंग न मिलने से ये कर्मचारी संकट में आ गए हैं। इनको लगभग डेढ़ माह से वेतन भी नहीं मिल रहा है। इस पर रजनीश वाघ सहित अन्य कर्मचारियों ने वकील गगन तिवारी के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की।






याचिका में बताया गया है कि परेशान कर्मचारी कभी सीएमएचओ कार्यालय तो कभी सिम्स के चक्कर काट रहे है। इसमें से कुछ ऐसे कर्मचारी हैं जो एक दो महीने में रिटायर होने वाले हैं। जबकि कुछ कर्मचारी बीमारी से पीड़ित हैं। सिम्स प्रबंधन ने हाईकोर्ट का हवाला देते हुए बुजुर्ग कर्मचारियों को धक्के खाने के लिए छोड़ दिया है, जबकि हाईकोर्ट ने रिलीव करने जैसा कोई आदेश ही नहीं दिया है।बिलासपुर में सिम्स की स्थापना वर्ष 2003 में हुई थी। इससे पहले यहां जिला अस्पताल और उसके कर्मचारी कार्यरत थे। सिम्स स्थापना के बाद कुछ कर्मचारी यहीं रहे, जबकि कुछ नए जिला अस्पताल में शिफ्ट हो गए। वर्ष 2011 में सिम्स ने इन कर्मचारियों को रिलीव करने का आदेश जारी किया। इस आदेश को चुनौती देते हुए कर्मचारियों ने हाईकोर्ट से स्टे ऑर्डर लिया था। तब से अभी तक सभी कर्मचारी लगातार सिम्स में सेवाएं दे रहे हैं। इन कर्मचारियों में से कुछ का निधन भी हो चुका है।






यह कर्मचारी हैं शामिल


इसी साल जनवरी महीने में स्टे हट जाने के बाद सिम्स प्रबंधन की ओर से कर्मचारियों को हटाने का आदेश दिया जारी किया है।लेकिन इस 6 महीने की अवधि में प्रबंधन ने राज्य सरकार से अभिमत और आदेश लेने के लिए पत्राचार भी नहीं किया। जबकि कर्मचारियों को हटाने के संबंध में शासन ने भी स्पष्ट निर्देश नहीं दिया है। जबकि ऐसे मामलों में कर्मचारियों को हटाने का आदेश शासन स्तर पर दिया जाता है। जिन कर्मचारियों को सिम्स प्रबंधन ने 28 जून को हटाया है उनमें स्वास्थ्य सहायक, लैब असिस्टेंट, एएनएम, डार्क रूम, अटेंडेट, कुक, मेस सर्वेंट और क्लीनर जैसे कर्मचारी शामिल हैं।

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