बिलासपुर। विभाजन की विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर श्रीराम मंदिर में आयोजित कार्यक्रम के मुख्यवक्ता पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने संबोधित करते हुए कहा कि आज भी हम उतने ही महत्वपूर्ण है, जितने पहले अखंड भारत के समय में थे। उन्होंने कहा कि विभाजन की विभीषिका को हम आज भी भुला नहीं सकते, जिन्होंने विभाजन की विभीषिका की पीड़ा को भोगा है, उन्हें जिस दौर से गुजरना पड़ा वह काफी पीड़ा दायक था। चौथी पीढ़ी आते तक लोग इस प्रकार की घटनाओं को भुल जाते है। हमारे देश में लोग सभी पुरानी यादों को विस्मृत कर जाते हैं, लेकिन स्मृति दिवस के आयोजन से इसे आगे भी याद रखा जायेगा। विदेशी ताकतें अपने लाभ के लिये षड़यंत्र करते रहते है। इसी वजह से श्रीलंका, पूर्वी पाकिस्तान में तखता पलट की घटनाएं हुई।
उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी को पता होना चाहिए कि जो तिरंगा लहरा रहा है, वह हमारे लोगों को अपनी आहुति दी है उसी का प्रतिफल है। उन्होंने आगे कहा कि हमें अपनी शक्तियों में इजाफा करना है जिस प्रकार शरीर को मजबूत करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ायी जाती है उसी प्रकार हमें देश को सशक्त राष्ट्र बनाना होगा। उन्होंने कहा कि आज भारत विश्व में तीसरी आर्थिक शक्ति बनने की ओर अग्रसर है, किन्तु लोग देश को षड़यंत्र पूर्वक कमजोर करने सक्रिय रहते है।
पूर्व मंत्री एवं नगर के लोकप्रिय विधायक अमर अग्रवाल ने कहा कि आज देश स्वतंत्रता के 78वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। विभाजन की विभीषिका पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि धार्मिक आधार पर विभाजन कर देश की एकता व अखंडता का विभाजन कर दिया गया उसके परिणाम और जो दृश्य सामने आये है वह भयावह रही है। जिन्होंने इसे देखा है उनकी मनः स्थिति को समझा जा सकता है। अंग्रेजों के शासनकाल में धार्मिकता एवं जातीय आधार पर फूट डालो शासन करो की नीति अपनाई गई। अंग्रेज भारत को सदैव गुलाम रखना चाहते थे और भारत की अखंडता न रहे इसी प्रयास में रहते थे। प्रधानमंत्री पद की चाहत रखने वाले हमारे देश के नेताओं की वजह से ही एक साजिश के तहत देश का विभाजन हो गया। उन्होंने कहा कि देश का विभाजन भारत के इतिहास एवं दुनिया की सबसे बड़ी त्रासदी है। यदि हमने पुरानी घटनाओं और इतिहास की गलतियों से सबक नहीं लिया तो इसी प्रकार की त्रासदी झेलते रहेंगे। आज भी इन विभाजनकारी शक्तियों से देश को बचाने का संकल्प लेने की जरूरत है।
विभाजन के समय त्रासदी सहने वाले परिवार के सदस्य गोवर्धन दास नागदेव, नरेन्द्र पाल सिंह गांधी, ओमप्रकाश जैसवानी ने उनके पूर्वजो द्वारा बताई गई बातों को साझा किया। मंच में विभाजन की त्रासदी पीड़ित परिवार के सदस्य गोवर्धन दास नागदेव, नरेन्द्र पाल सिंह गांधी, ओमप्रकाश जैसवानी, धनराज आहुजा, ढालुमल विधानी, डॉक्टर टेकचंदानी, नानकराम माखीजा, शोभराज कोटवानी, जोगेन्दर सिंह गंभीर, त्रिलोचन सिंह अरोरा, जगमोहन सिंह अरोरा, सुरजीत सिंह सलूजा, चेलाराम वासवानी, अर्जुनदास नवलानी, मोतीलाल आडवानी, परशराम बतरा, धरमदास नत्थानी, रामचंद्र नत्थानी का शाल श्रीफल एवं पुष्पमाला से अतिथियों द्वारा सम्मान किया गया। तत्पश्चात श्रीराम मंदिर तिलक नगर से रिवर व्यू तक तिरंगे झंडे एवं तख्ती के साथ मौन जुलूस निकाला गया, जहॉ विभाजन विभीषिका की चित्र प्रदर्शनी लगाई थी, वहॉ अतिथियों ने मशाल जलाकर दीपप्रज्वलित किया।
कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष रामदेव कुमावत, पूर्व सांसद लखनलाल साहू, जिला महामंत्री मोहित जायसवाल, पूर्व विधायक, चंद्रप्रकाश बाजपेयी, पूर्व महापौर किशोर राय, वाणी राव, गुलशन ऋषि, तिलकराम साहू, कृष्ण कुमार कौशिक, चंद्रप्रकाश सूर्या, अवधेश अग्रवाल, रामू साहू, राजेश सूर्यवंशी, राकेश तिवारी, जयश्री चौकसे, लखन पैकरा, राकेश मिश्रा, कृष्ण कुमार शुक्ला, दीपक सिंह, जुगल अग्रवाल, अजीत सिंह भोगल, विजय अंचल, राजेन्द्र राठौर, राज्यवर्धन राजेश कश्यप, योगेश बोले, रंगा नादम, लक्ष्मीनारायण कश्यप बबलू, सतीश गुप्ता, अंजू सिंह राजपूत, रोहित मिश्रा, विवेक ताम्रकार, महर्षि बाजपेयी, अजय शर्मा सहित शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।