बिलासपुर। हाईकोर्ट ने रिटायर्ड कर्मचारी की मौत के बाद उसकी पत्नी को बकाया भुगतान के निर्देश दिए हैं। कर्मचारी 11 साल पहले रिटायर हुआ था। अवकाश नगदीकरण के बकाया भुगतान के लिए विभाग के कई चक्कर काटे पर पैसा नहीं मिला। पत्नी की याचिका के बाद कोर्ट ने भुगतान के निर्देश दिए हैं।
रायपुर जिले के डॉ राजेंद्र नगर कटोरा तालाब निवासी जानकी बाई ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें बताया था कि उसके पति कन्हैया लाल यादव कार्यपालन अभियंता विद्युत यांत्रिकी भारी संयंत्र संभाग जल संसाधन संभाग रायपुर के अंतर्गत ग्रेड 3 के पद पर कार्यरत थे। सेवाकाल पूरा करने पर उनको वर्ष 2013 में सेवानिवृत्ति दे दी गई थी। रिटायरमेंट के बाद भी उन्हें अवकाश नगदीकरण मद की राशि प्राप्त नहीं हुई।साथ ही उन्हें उनके सेवाकाल के अवकाश नगदीकरण की राशि का भुगतान भी विभाग द्वारा नहीं किया गया।
याचिका में बताया गया है कि उक्त मद की राशि का भुगतान प्राप्त करने उनके पति विभाग का चक्कर काटते रहे। परंतु उसके बाद भी उन्हें राहत नहीं मिली। इसी बीच उनकी मृत्यु हो गई। पति की मृत्यु के बाद भी विभाग द्वारा देयकों का भुगतान न करने पर यह याचिका दायर की गई। इसमें जानकीबाई ने कहा कि उनके पति के सेवाकाल के अवकाश नगदीकरण की राशि का भुगतान दिलवाया जाए एवं उस पर ब्याज भी दिलवाया जाए।
जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की सिंगल बेंच ने सुनवाई के बाद उक्त केस का निराकरण करते हुए जल संसाधन विभाग के सचिव सहित जल संसाधन संभाग रायपुर के कार्यपालन अभियंता को निर्देशित किया है कि वे रिटायर कर्मचारी की पत्नी को उसके पति के सेवाकाल के अवकाश नगदीकरण की राशि का भुगतान आदेश की प्रति प्राप्त करने के साठ दिवस के भीतर करें।