बिलासपुर। केके श्रीवास्तव की कांग्रेस सरकार के दौरान प्रदेश में धाक थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी होने के कारण रसूख भी कम नहीं था। श्रीवास्तव पूर्व सीएम से आध्यात्म के चलते करीब आए। सरगांव में अनुरागी धाम का आश्रम है। अनुरागी धाम में पूजा अर्चना के दौरान ही पूर्व सीएम से उनकी पहचान हुई। आध्यात्म से जुड़े होने के कारण वे धीरे-धीरे करीब आते गए। नजदीकियां बढ़ती ही गई।
अनुरागीधाम में पूजा अर्चना के बाद उसलापुर स्थित श्रीवास्तव के घर में पूर्व सीएम पूजा के लिए आने लगे। महीने में पूर्व सीएम का उसलापुर एक चक्कर हो ही जाता था। श्रीवास्तव का रसूख ऐसा कि पूजा के दौरान पूर्व सीएम के अलावा किसी को एंट्री नहीं मिल पाती थी। बाउंसर खड़े रहते थे। करीबियों को मुलाकात करनी होती थी तो रास्ते में खड़े रहते थे। तब पूर्व सीएम रायपुर से सीधे बिना किसी तामझाम के कभी चकरभाठा एयरपोर्ट से उसलापुर या फिर कभी सीधे सीएम हाउस से सड़क मार्ग होते उसलापुर। उनकी तरफ से भी हिदायत रहती थी कि पूजा के दौरान उसलापुर कोई ना आए।
करीबियों की मुलाकात या तो उसलापुर रेलवे फाटक के आसपास हो जाया करती थी। हेलिकाप्टर से आना होता तो जैन इंटरनेशल स्कूल, डीपीएस या फिर चकरभाठा एयरपोर्ट, जहां उनका हेलिकाप्टर लैंड करता था। रायपुर के लिए उड़ने से पहले मुलाकात हो जाया करती थी। पूर्व सीएम के करीबी तब दावा भी करते थे कि सीएम निजी प्रवास पर हैं। सत्ता प्रतिष्ठान से जुड़े शीर्ष नेतृत्व के महीने में एक बार उसलापुर का फेरा लगाने की बात राजनीति से लेकर प्रशासनिक हलकों में तेजी के साथ फैली। पूर्व सीएम के उसलापुर का महीने में एक फेरा ने श्रीवास्तव को हाईप्रोफाइल पर्सन बना दिया।
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा जब बिलासपुर आई थीं तब भी केके श्रीवास्तव की उनसे मुलाकात कराई गई थी। केके श्रीवास्तव ने प्रियंका वाड्रा को प्रसाद भेंट किया था। (इस खबर में लगी तस्वीर केके श्रीवास्तव की प्रियंका वाड्रा से मुलाकात के दौरान की है)
मौजूदा सरकार के नेताओं से भी संपर्क
चर्चा तो इस बात की भी हो रही है कि पूर्व कांग्रेस सरकार के सत्ता प्रतिष्ठानों से जितनी करीबी श्रीवास्तव की रही है वर्तमान में सत्तासीन भाजपा के प्रभावशाली नेताओं से भी उतनी ही करीबी है।