बिलासपुर। हाईकोर्ट ने डॉक्टर के घर देर रात मरीज बनकर जाने और नींद से जगाकर हत्या एवं लूटपाट के दोषियों का आजीवन कारावास बरकरार रखा है। कोर्ट ने पाया कि दोषियों ने मरीज गंभीर होने के बहाने डॉक्टर को फोन कर दरवाजा खुलवाया था।
बस्तर के कोंडागांव के प्रतिष्ठित डॉक्टर ओपी पारख के क्लीनिक में घुसकर उनकी हत्या और रिश्तेदार को घायल कर लूटपाट की गई थी। आरोपियों को जिला सत्र न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके विरुद्ध अपील पर हाईकोर्ट ने दोषियों के जघन्य कृत्य के कारण सजा को उचित ठहराया।
कोंडागांव हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी निवासी डॉ ओपी पारख घर के नीचे क्लीनिक चलाते थे। ऊपर उनका निवास था। 11 फरवरी 2013 की रात 3.30 बजे क्लीनिक में गार्ड का काम करने वाले राजकुमार उर्फ रामकुमार का फोन आया। पहले उन्होंने फोन नहीं उठाया फिर कॉल बेक किया। इस पर क्लीनिक में घुसे लुटेरों ने गंभीर मरीज होने की बात कही। इस पर उन्होंने घर का दरवाजा खोला। इसके बाद दो लुटेरे ऊपर गए और डॉक्टर पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। हल्ला सुनकर साथ में रह रहा रिश्तेदार मनोज सुराणा अपने कमरे से बाहर आया तो आरोपियों ने उस पर भी कुल्हाड़ी और धारदार हथियार से हमला कर दिया। डॉक्टर और उनका रिश्तेदार दोनों जमीन पर गिर गए। इसके बाद लुटेरों ने जमकर लूटपाट की।
नीचे आने के बाद गार्ड राजकुमार का मोबाइल छीनकर आरोपी मोटरसाइकिल से भाग गए। किसी प्रकार गार्ड अपने आप को बंधन मुक्त कर ऊपर गया तो देखा कि डॉक्टर की मौत हो गई थी और मनोज बेहोश पड़ा था। गार्ड ने वारदात की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुँच कर जांच उपरांत आरोपी अजय वर्मा उर्फ भानु वर्मा, मोहसिन अली निवासी कोंडागांव और एक अन्य को गिरफ़्तार किया। पुलिस ने आरोपी अजय और मोहसिन से लूट की रकम, गार्ड का मोबाइल, वारदात में प्रयुक्त हथियार, खून लगे कपड़े आदि जब्त कर न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया। कोंडागांव सत्र न्यायालय ने दोनों आरोपियों को धारा 449 में आजीवन, 392 में 10 वर्ष, 302 में आजीवन व 324/34 में 3 वर्ष कैद की सजा सुनाई है। सजा के खिलाफ आरोपियों ने अपील की। हाईकोर्ट ने आरोपियों की अपील को खारिज कर दिया।