बिलासपुर। शहर में बारिश से पानी भरने और सड़कों पर गढ्ढे के कारण हो रही परेशानी पर हाईकोर्ट ने नगरीय प्रशासन सचिव को हालत सुधारने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने इस दिशा में अब तक किए गए प्रयास और कार्यों की जानकारी शपथपत्र में देने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी। चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने कहा है कि लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए।
हाईकोर्ट ने शहर में बारिश के दौरान नालियां जाम होने और सडकें डूबने के मामले को स्वत संज्ञान में लेकर इसे जनहित याचिका के रूप में दर्ज किया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने सचिव, शहरी प्रशासन एवं विकास और आयुक्त, नगर निगम, बिलासपुर को निर्देश दिया था कि वे जल निकासी न होने के कारण जल जमाव के लिए उठाए गए कदमों के संबंध तेजी से कार्रवाई करें और व्यक्तिगत शपथपत्र दायर करें। मामले में सोमवार को सुनवाई के दौरान नगरीय सचिव की ओर से कहा गया है कि सभी आयुक्तों और नपा, नपं सीएमओ को निकासी व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। बिलासपुर निगम की ओर से कहा गया है कि बाढ़ नियंत्रण केंद्र बनाकर और निरीक्षण कर निकासी सुधारी जा रही। रिस्पांस टीम सूचना मिलते ही पहुंच कर पानी निकासी कर रही है।
उल्लेखनीय है कि समाचार पत्रों में लगातार इस प्रकार की खबरें आ रहीं थीं कि गली मोहल्लों की नालियां कचरे और गंदगी से भरी पड़ीं हैं। साथ ही सड़कों पर गढ्ढों की भरमार है। खबर और फ़ोटो पर इसे हाईकोर्ट ने जनहित याचिका के रूप में स्वीकार कर सुनवाई शुरू की है। कोर्ट ने कहा है कि हल्की बारिश से ही पुराने बस स्टैंड की सड़कों पर पर घुटनों तक पानी भर रहा है। नाली का पानी सड़क पर आ जाने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, इसकी व्यवस्था की जानी चाहिए।
हाईकोर्ट की डीबी ने यह भी कहा कि, हल्की बारिश के दौरान कश्यप कॉलोनी में अधूरे नाली निर्माण के कारण पुराना बस स्टैंड क्षेत्र में सड़क पर जलभराव की स्थिति हो गई है। पानी खाली होने में एक घंटे से अधिक का समय लग गया। कश्यप कॉलोनी में नाली निर्माण का कार्य पिछले दो माह से चल रहा है और बारिश से पहले काम पूरा नहीं होने से समस्या आ रही है। हल्की बारिश से पुराने बस स्टैंड और राजीव प्लाजा की नालियां भी लबालब हो जाती हैं। साथ ही होर्डिंग तेज अंधड़ में नीचे जाकर बिजली लाइन में फंस गया था जिससे 33 केवी लाइन में फाल्ट हो गया। इसे सुधारने में काफी समय लगा। इस पर ध्यान दिया जाना जरूरी है।बारिश से सड़कों पर पानी भराव, गढ्ढे बने मुसीबत, हाईकोर्ट ने फिर दिए कड़े निर्देश
बिलासपुर। शहर में बारिश से पानी भरने और सड़कों पर गढ्ढे के कारण हो रही परेशानी पर हाईकोर्ट ने नगरीय प्रशासन सचिव को हालत सुधारने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने इस दिशा में अब तक किए गए प्रयास और कार्यों की जानकारी शपथपत्र में देने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी। चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने कहा है कि लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए।
हाईकोर्ट ने शहर में बारिश के दौरान नालियां जाम होने और सडकें डूबने के मामले को स्वत संज्ञान में लेकर इसे जनहित याचिका के रूप में दर्ज किया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने सचिव, शहरी प्रशासन एवं विकास और आयुक्त, नगर निगम, बिलासपुर को निर्देश दिया था कि वे जल निकासी न होने के कारण जल जमाव के लिए उठाए गए कदमों के संबंध तेजी से कार्रवाई करें और व्यक्तिगत शपथपत्र दायर करें। मामले में सोमवार को सुनवाई के दौरान नगरीय सचिव की ओर से कहा गया है कि सभी आयुक्तों और नपा, नपं सीएमओ को निकासी व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। बिलासपुर निगम की ओर से कहा गया है कि बाढ़ नियंत्रण केंद्र बनाकर और निरीक्षण कर निकासी सुधारी जा रही। रिस्पांस टीम सूचना मिलते ही पहुंच कर पानी निकासी कर रही है।
उल्लेखनीय है कि समाचार पत्रों में लगातार इस प्रकार की खबरें आ रहीं थीं कि गली मोहल्लों की नालियां कचरे और गंदगी से भरी पड़ीं हैं। साथ ही सड़कों पर गढ्ढों की भरमार है। खबर और फ़ोटो पर इसे हाईकोर्ट ने जनहित याचिका के रूप में स्वीकार कर सुनवाई शुरू की है। कोर्ट ने कहा है कि हल्की बारिश से ही पुराने बस स्टैंड की सड़कों पर पर घुटनों तक पानी भर रहा है। नाली का पानी सड़क पर आ जाने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, इसकी व्यवस्था की जानी चाहिए।
हाईकोर्ट की डीबी ने यह भी कहा कि, हल्की बारिश के दौरान कश्यप कॉलोनी में अधूरे नाली निर्माण के कारण पुराना बस स्टैंड क्षेत्र में सड़क पर जलभराव की स्थिति हो गई है। पानी खाली होने में एक घंटे से अधिक का समय लग गया। कश्यप कॉलोनी में नाली निर्माण का कार्य पिछले दो माह से चल रहा है और बारिश से पहले काम पूरा नहीं होने से समस्या आ रही है। हल्की बारिश से पुराने बस स्टैंड और राजीव प्लाजा की नालियां भी लबालब हो जाती हैं। साथ ही होर्डिंग तेज अंधड़ में नीचे जाकर बिजली लाइन में फंस गया था जिससे 33 केवी लाइन में फाल्ट हो गया। इसे सुधारने में काफी समय लगा। इस पर ध्यान दिया जाना जरूरी है।