copyright

गरियाबंद जिले के गांवों में सामने आई बड़ी लापरवाही, डेंटल फ्लोरोसिस का शिकार हो रहे बच्चे,हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान

 



बिलासपुर। गरियाबंद जिले के गांवों में बच्चे डेंटल फ्लोरोसिस का शिकार हो रहे हैं। यह बीमारी पानी में फ्लोराइड की ज्यादा मात्रा से होती है। इसे कंट्रोल करने के लिए जिले के 40 गांवों में 6 करोड़ की लागत से प्लांट तो लगाए गए लेकिन वह कुछ महीने में ही बंद हो गए। हाईकोर्ट ने इसे संज्ञान में लिया है। नोटिस के बाद अपने जवाब में शासन की ओर से कहा गया कि इस मामले में जानकारी लेकर उचित कार्रवाई होगी और जवाब पेश किया जाएगा। कोर्ट ने प्रकरण में सचिव, छत्तीसगढ़ शासन, स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग, को दो सप्ताह की अवधि के भीतर अपना व्यक्तिगत शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले को 14 अगस्त, 2024 को फिर से सूचीबद्ध किया गया है।



जानकारी के मुताबिक गरियाबंद जिले के इन प्रभावित गांवों में हर साल 100 से ज्यादा स्कूली छात्रों को डेंटल फ्लोरोसिस होता है। फिलहाल, इन गांवों में 50 से 60 बच्चे डेंटल फ्लोरोसिस से ग्रसित मिल रहे हैं वहीं देवभोग ब्लॉक के गांवों में कुल पीड़ितों की संख्या 2 हजार से भी ज्यादा है। साल 2016 में शासन-प्रशासन को जांच में फ्लोराइड ज्यादा होने की जानकारी लगी। देवभोग ब्लॉक के 40 गांव के स्कूलों में जो पेयजल सप्लाई हो रही है वहां 8 गुना तक ज्यादा फ्लोराइड था। प्रशासन ने कार्य योजना बना कर सभी प्रभावित स्कूलों में फ्लोराइड रिमूवल प्लांट लगाने का फैसला लिया।





रिपोर्ट के बाद इन सोर्स को न तो बंद कराया गया न ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई।





Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.