बिलासपुर। बीजापुर में भारी बारिश के कारण बीते कुछ दिनों से आम जनजीवन अस्त- व्यस्त हो गया है। कई गांव टापू बन गए हैं और राशन लाने के लिए भी जिंदगी दांव पर ग्रामीण लगाते हैं। सालों से यही हालत है लेकिन सुधार नहीं हो रहा है। मीडिया में इन खबरों को आने के बाद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। मामले में शासन को नोटिस जारी किया गया था।
सरकार की ओर से कहा गया बस्तर क्षेत्र में, बरसात के मौसम के दौरान, कुछ हिस्सों में बीजापुर जिले के जो दूरस्थ क्षेत्र हैं, वहां इस तरह की समस्या आती है, उस स्थिति से उबरने के लिए पीडीएस दुकानों में 4 माह का राशन एक साथ प्रदाय किया जाता है, ताकि राशन वितरण में कोई बाधा न आए। इसके साथ ही राज्य सरकार की नीति है कि जहां न्यूनतम 500 हितग्राही हों, वहीं पीडीएस दुकानें खोली जाती हैं। मौजूदा मामले में जो गांव प्रभावित हैं, वहां लाभार्थियों की इतनी संख्या नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि चूंकि जल स्तर अब नीचे चला गया है, स्थिति कुछ दिनों पहले की तुलना में काफी बेहतर है और पीडीएस दुकानों के माध्यम से खाद्यान्न वितरण में ग्रामीणों को कोई कठिनाई न हो, इसके लिए राज्य एवं जिला प्रशासन सभी उपाय कर रहा है। हाईकोर्ट ने उपरोक्त के कलेक्टर, बीजापुर को सुनवाई की अगली तारीख से पहले वर्तमान जनहित याचिका के संबंध में अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। अगली सुनवाई 14 अगस्त को होगी।
यह पूरा मामला बीजापुर जिले के भोपालपटनम ब्लॉक का है। यहां चिंतावागु नदीं पर पुल बनाने के कारण गोरला पंचायत के सैकड़ो ग्रामीणों राशन लाने के लिए जोखिम उठाकर उफनती नदी को पार कर रहे हैं। बता दें कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बीपीएल परिवारों को नि:शुल्क चावल पीडीएस की दुकानों पर दिए जाते हैं। मगर भारी बारिश के कारण बस्तर संभाग में बसे ग्रामीणों को यह राशन लेने के लिए कापी मेहनत करनी पड़ती है। दरअसल ग्रामीण इन इलाकों में पुल नहीं होने के कारण उफनती नदी को पार करने के लिए काफी मजबूर हैं। यहां पर रहने वाले लोगों को उफनती चिंतावागु नदी को गंज के सहारे पार कर पीडीएस दुकान से राशन लाकर नदी को वैसे ही पार करना पड़ता है।