बिलासपुर। हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत प्राचार्य, प्राध्यापक ,सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल और क्रीड़ा अधिकारियों को पुनरीक्षित वेतनमान की बकाया राशि देने के निर्देश दिए हैं। उक्त कर्मचारियों को 1 जनवरी से 2016 से पुनरीक्षित वेतनमान स्वीकृत किया गया था।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मात्र 50 प्रतिशत राशि देकर शेष 50 प्रतिशत राशि को डिपॉजिट रखा गया।याचिकाकर्ता ललित प्रसाद वर्मा, राजेश चतुर्वेदी व अन्य के द्वारा अधिवक्ता दीपाली पांडे के माध्यम से याचिका प्रस्तुत कर डिपॉजिट में जमा राशि प्रदान करने की मांग की गई। छत्तीसगढ़ शासन ने कोर्ट में दिए जवाब में कहा कि 50 प्रतिशत राशि केंद्रीय शासन द्वारा निर्धारित अंशदान दिए जाने बाद दी जाएगी।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से तर्क दिया कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कर्मचारियों को उक्त राशि न देने के कारण केंद्र शासन को बिल नही दिया जा सका और राशि केंद्र द्वारा प्रदान नहीं की जा सकी। केंद्र शासन द्वारा भी जवाब दिया गया कि शासन द्वारा समय पर बिल नही दिया गया और 2022में स्कीम समाप्त कर दी गई। अत: केंद्र का अंशदान नही दिया जा सकता। सुनवाई के बाद कोर्ट ने उक्त राशि 4 माह के भीतर राज्य के कर्मचारियों को प्रदान करने आदेशित किया है।