रायपुर. निशुल्क पाठ्य पुस्तिका वितरण कार्यक्रम के तहत बच्चों को मुफ्त बांटी जाने वाली पुस्तकों में घोटाले का मामला सामने आया है. इस योजना के कारण सरकारी स्कूलों में एनरोलमेंट में बढ़ोतरी देखी गई थी. लेकिन इसमें भी हेरा फेरी की बात सामने आ रही है. लाखों किताबें, जो बच्चों के लिए बनी थीं, उन्हें कबाड़ के रूप में बेच दिया गया है. ये किताबें रायपुर से 30 किलोमीटर दूर एक रिसाइकिलिंग सेंटर में पाई गईं. इससे साफ है कि बच्चों की शिक्षा के साथ खिलवाड़ किया गया है. सरकार ने अब छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के एमडी IAS राजेंद्र कटारा के नेतृत्व में एक समिति बनाकर गहन जांच शुरू की है.
जांच के लिए समिति का गठन
इस घोटाले को उजागर करने वाले पूर्व कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय ने खुलासा किया कि पाठ्यपुस्तकों को कबाड़ कंपनियों को बेच दिया गया, जिससे वे नष्ट हो गईं. सरकार ने अब छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के एमडी IAS राजेंद्र कटारा के नेतृत्व में एक समिति बनाकर गहन जांच शुरू की है. इस समिति का उद्देश्य भ्रष्टाचार की सीमा को उजागर करना और दोषियों को जवाबदेह बनाना है. भाजपा के युवा नेता गोरी शंकर श्रीवास अपनी सरकार का प्रभावी ढंग से बचाव करते नजर आए. उन्होंने कहा कि “कोरोना काल में जब छात्र ऑनलाइन कक्षाएं ले रहे थे, तब लाखों पुस्तकें प्रकाशित हुईं और कबाड़ में बेच दी ग