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सांई माउली पारिजात एक्सटेंशन कालोनी में कार्तिकोत्सव, रेणुका भजन मंडली की शानदार प्रस्तुति

 




Bilaspur. सांई माउली पारिजात एक्सटेंशन कालोनी में  कार्तिकोत्सव के अन्तर्गत होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में प्रथम प्रस्तुति रेणुका भजन मंडली तिलक नगर द्वारा सांई नाथ के समक्ष अर्पित की गई। रेनुका भजन मंडली के सभी सम्मानीय सदस्यों को सांई माली परिवार  नमन करता है, उनका अभिनन्दन करता है। इस भजन संध्या में अपने मधुर और ओजपूर्ण स्वरों में भजनों के माध्यम से मंडली ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। रेणुका भजन मंडली के सम्मानीय सदस्य हैं-- १. सौ. मधुलिका खानखोजे २.श्रीमती भाग्यश्री गोवर्धन ३.सौ. अपर्णा दांडेकर (अध्यक्ष) ४.सौ. दीप्ति देवरस ५. सौ.नीला दीक्षित ६. सौ. कुंदा गोवळकर ७. सौ. कीर्ती शिल्लेदार ८. सौ. मंगला बुरंगे ९. सौ.रंजना चिंचोळकर १०.श्रीमती मंजू भुरंगी ११. सौ. सुनिता भट्ट १२. सौ. माधुरी रडके १३. सौ. कांचन पुलतांबकर १४. सौ. लता भुरंगी १५. सौ. नंदा भूरंगी १६. सौ. सरला  भरंगी १७. सौ. माया देवरस १८. श्रीमती वैशाली कोन्हेर १९. सौ. जयश्री मेंढेकर २०.श्रीमती नंदा आवटी २१.श्रीमती मीना भूरंगी २२. श्री मती ज्योति होनप २३. श्रीमती भावना  वर्तक २४. अश्र्विनी गोलवलकर । तबले पर डा प्रकाश देवरस व हारमोनियम पर मोहन क्षीरसागर जी ने उत्कृष्ट व शानदार संगत दी। 







प्रस्तुत  भजनों में कुछ प्रमुख भजन

१ श्री गणराया तुझाच जयजयकार । 

२सदाशिवा विश्वेश्वरा । 

३ दत्त दिगंबर दत्त गुरु पतीत पावन दत्तगुरु। ४ जय अंबे जय दुर्गे माय रेणुके जगदंबे। ५. दिनाचा दयावंत साईनाथ माझा। भजनों के साथ साथ मंडली द्वारा डांडिया नृत्य की भी जोरदार प्रस्तुति दी गई। उनके साथ ही सांई परिवार से श्रीमती विद्या द्रोणकर ने धुनची नृत्य से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए और सांई परिवार से ही श्रीमती नीलिमा वेलनकर ने भजन गाकर सभी का आभार प्रकट किया और कार्यक्रम का समापन किया. सभी अतिथि  कलाकारो को साई माऊली की ओर से सन्मानीत किया गया. भजन उपरांत सभी ने सांई नाथ की आरती की व प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में सांई परिवार से कार्यक्रम प्रभारी श्री प्रतुल काले तथा सभी साई भक्तों का भरपूर सहयोग रहा। 




विशेष-- सांई माउली परिवार में एक सदस्य ऐसी भी हैं जो कई वर्षों से पूरे कार्तिक माह अपने हाथों से सांई बाबा के लिए फूलों की माला तैयार करती हैं तथा सभी भक्तों की कांकड़ आरती के लिए कंकड़ों तैयार करती हैं। श्रीमती  कविता करंजगावकर। उनकी सांई भक्ति को नमन।




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