Bilaspur.यमुनानगर बिलासपुर निवासी ज्योतिषाचार्य पं. आशुतोष शुक्ल महराज को राष्ट्रीय स्तर के विराट ज्योतिष सम्मेलन में ज्योतिष, वास्तु एवं कर्मकांड के क्षेत्र में राष्ट्रीय प्रतिष्ठा के आधार पर श्री महाकाल धाम की अकादमिक परिषद की अनुशंसा पर "ज्योतिष सम्राट" की उपाधि से सम्मानित किया गया । सम्मेलन में समीपवर्ती राज्यों के ज्योतिषी गण भी सम्मिलित हुए। गौरतलब है कि पूर्व में इन्हें ज्योतिष रत्न की उपाधि से सम्मानित किया जा चुका है।
ज्योतिषाचार्य आशुतोष शुक्ल अपने वक्तव्य में कहा कि शनि आदि किसी भी ग्रह की किसी व्यक्ति से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं होती है, ग्रह केवल व्यक्ति के प्रारब्ध अर्थात पूर्व एवं वर्तमान कर्मों के अनुसार शुभ एवं अशुभ फल देते हैं, ग्रह आने वाले समय का संकेत देते हैं जिन्हें कुंडली देखकर समुचित उपाय एवं पूजा - पाठ के माध्यम से ग्रहों एवं देवताओं को प्रसन्न करके बहुत हद तक ठीक किया जा सकता है ।