बिलासपुर। नदी-तालाब में विसर्जन के बाद सफाई न करने पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर राज्य शासन को पूरे प्रदेश के हर जिले की इस संदर्भ में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि प्रतिमा विसर्जन के लिए बनाए गए कुंड की सफाई न होने से दलदल बन गया हैं, जहां बच्चे खेल रहे हैं। इससे कभी भी खतरनाक स्थिति हो सकती है।
चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने राज्य के नगरीय प्रशासन सचिव को निर्देश दिए हैं कि वे पूरे राज्य के प्रत्येक जिले के संबंध में जहां विसर्जन हुआ है, अपना व्यक्तिगत शपथपत्र प्रस्तुत करें। ताकि यह पता चल सके कि क्षेत्र की सफाई की गई है या नहीं।कलेक्टर, रायपुर को भी अपने जिले के संबंध में व्यक्तिगत शपथपत्र सबमिट करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रकरण की अगली सुनवाई 8 नवंबर 2024 को पुनः रखी गई है।
उल्लेखनीय है कि रायपुर जिला प्रशासन ने खारून नदी के किनारे बने तालाब (कुंड) में मूर्तियों के विसर्जन के बाद अवशेष वहीं छोड़ दिए गए हैं। मूर्तियों की मिट्टी और संरचनाएं वहीं रखी हुई हैं। पानी सूख गया है और दलदल बन गया है। इलाके के बच्चे इस दलदली तालाब में उतरकर खेल रहे हैं। उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। ऐसे में छोटी सी चूक भी खतरनाक स्थिति पैदा कर सकती है। नगर निगम आयुक्त ने विसर्जन के बाद तालाब की तत्काल सफाई और पानी खाली करने के निर्देश दिए हैं। लेकिन इसका पालन नहीं हुआ। जलस्रोत की बहुत ही दयनीय स्थिति दिखाई दे रही है, जिन्हें हर तरह के प्रदूषण से मुक्त रखने की जरूरत है। राज्य शासन की ओर से महाधिवक्ता ने कहा कि उस क्षेत्र की सफाई के लिए कदम उठाए गए हैं। इसके बाद कोर्ट ने पूरे प्रदेश की रिपोर्ट मंगवाई है।