बिलासपुर.खमतराई स्थित 11 एकड़ सरकारी जमीन को स्टांप में खरीदने और बेचने के मामले में जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। तहसीलदार द्वारा की जांच और रिपोर्ट के आधार पर आठ लोगों के खिलाफ सरकंडा थाने में एफआईआर दर्ज करते हुए सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है,जिसमें बेचने और खरीदार दोनों शामिल है,एक आरोपी की गिरफ्तारी शेष है। उक्त जमीन पर अतिक्रमण के खिलाफ नगर निगम ने पहली कार्रवाई रविवार को ही कर दिया था।
बिलासपुर कलेक्टर के निर्देश पर राजस्व विभाग द्वारा खमतराई स्थित शासकीय भूमि खसरा नंबर 551 पर अनाधिकृत रूप से क्रय विक्रय/इकरारनामा करने वालों के विरूद्ध FIR दर्ज कराया गया । खसरा न. 551 खमतराई जो कि शासकीय भूमि है उस पर अतिक्रमण की शिकायत एसडीएम बिलासपुर को प्राप्त होने पर नायब तहसीलदार बिलासपुर के माध्यम से जॉच कराई गयी। मामले की तह तक पहुंचने के लिए रविवार को नगर निगम आयुक्त श्री अमित कुमार व एसडीएम श्री पीयूष तिवारी मौके पर पहुंचे थे। जांच में पाया कि समस्त शासकीय भूमि को वहाँ के शरद यादव, संजय जायसवाल, मधुसूदन राव, श्रीनिवास राव, परमेश्वर सूर्यवंशी,सुकीता बाई सूर्यवंशी, चित्रलेखा सूर्यवंशी और बृहस्पति कश्यप के द्वारा इकरारनामा कर लोगो को बसाया गया है। जिस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने शरद यादव, संजय जायसवाल, मधुसूदन राव, श्रीनिवास राव, परमेश्वर सूर्यवंशी,सुकीता बाई सूर्यवंशी, चित्रलेखा सूर्यवंशी को गिरफ्तार कर लिया है और बृहस्पति कश्यप की गिरफ्तारी शेष है।
उक्त मामले मे स्थानीय लोगों ने बताया कि मन्नू लाल सूर्यवंशी द्वारा उन सभी से धोखाधड़ी कर अपनी जमीन बता कर हमे जमीन दी है,
इस पर जांच मे स्पष्ट हुआ कि मन्नू लाल सूर्यवंशी द्वारा भी अतिक्रमण कर दुकान किराए पर दी गई है ।जिस पर बिलासपुर निगम कमिश्नर श्री अमित कुमार द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए मन्नू लाल सूर्यवंशी के शासकीय भूमि पर बने दुकान को हटाने की कार्यवाही कराई गई।
इसी तारतम्य में एसडीएम श्री पीयूष तिवारी द्वारा तहसीलदार के ज़रिए जाँच करा कर दोषियों के खिलाफ त्वरित FIR दर्ज कराया गया और सभी अतिक्रमणकर्ताओं पर अतिक्रमण का मामला दर्ज कर नोटिस जारी कर दिया गया है। तत्पश्चात अग्रिम कार्यवाही की जाएगी
कुदूदंड की 2 एकड़ 13 डिसमिल नजूल भूमि रजिस्ट्री, 2 पर एफआईआर
शहर के बीचो-बीच कुदूदंड इलाके में स्थित 2 एकड़ 13 डिसमिल नजूल भूमि की 54 टुकड़ों में अवैध रजिस्ट्री करने के मामले में भी नजूल विभाग की ओर से सिविल लाइन थाने में धारा 420, 34 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है। नजूल तहसीलदार शिल्पा भगत द्वारा कराई गई इस एफआईआर में भू स्वामी भूपेंद्र राव तामस्कर और राजेश अग्रवाल को मुख्य आरोपी बनाया गया है।
बेचे गए टुकड़ों का नामांतरण भी हो गया
दर्ज कराए गए प्रकरण मुताबिक आवासीय प्रयोजन के लिए दी गई नजूल भूमि को बिना भवन अनुज्ञा और बिना अनुमति के टुकड़ों में बेच दिया गया। इस अवैध बिक्री में नगर निगम से कोई अनुमति नहीं ली गई और ना ही टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से लेआउट पास करवाया गया। बावजूद इसके 54 रजिस्ट्रियां कर दी गईं। यहां तक कि नजूल अधिकारी द्वारा इन बेचे गए टुकड़ों का नामांतरण भी कर दिया गया। जबकि इस नामांतरण को रोकने के लिए निगम आयुक्त ने नजूल अधिकारी को पत्र भी लिखा था।
रजिस्ट्रियां होंगी शून्य, नामांतरण रद्द होगा
अब इस पूरे मामले के सामने आने के बाद कलेक्टर ने विभिन्न विभागों को कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए पत्र लिखा है। कलेक्टर ने नजूल अधिकारी को निर्देशित किया है कि सभी नामांतरित भूमियों का पुनर्विलोकन कर नामांतरण रद्द किया जाए और रजिस्ट्रियाँ शून्य करवाई जाएं। कलेक्टर ने नगर निगम को भी पत्र लिखकर अवैध रूप से की गई रजिस्ट्रियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित दिया है। इसके अलावा जिला पंजीयन विभाग से तत्कालीन उप पंजीयकों लक्ष्मी पांडेय और वीएस मिंज की जानकारी मांगी गई थी। इसके अलावा, कलेक्टर ने भू-स्वामी भूपेंद्र राव तामस्कर और उनके सहयोगी राजेश अग्रवाल के खिलाफ भी अपराध दर्ज करवाया है।