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High Court : प्रदेश की बदहाल सड़कों पर सरकार को फटकार, फंड के उपयोग पर सवाल, कोर्ट ने सरकारी वकीलों से कहा- हर तरफ गड्ढे हैं, आप भी तो देखते होंगे

 






बिलासपुर। प्रदेशभर की खराब सड़कों पर चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने कहा कि सड़कों की हालत बहुत खराब है। राज्य शासन की ओर से उपस्थित अतिरिक्त महाधिवक्ता से कोर्ट ने कहा कि सब जगह गड्ढे ही गड्ढे हैं। हाईकोर्ट आते और घर जाते समय आप भी तो यह देखते होंगे। ट्रैफिक की हालत ऐसी है कि सड़कों पर खड़े रहना पड़ता है। नाराज कोर्ट ने अफसरों से पूछा कि राज्य सरकार ने सड़कों की मरम्मत करने और नई सड़कें बनाने ग्रांट जारी कर दिया है। कब तक काम शुरू होगा। सीजे ने पूछा फंड का यूज होगा या फिर मिसयूज।








प्रदेशभर की बदहाल सड़कों पर स्वतः संज्ञान और जनहित याचिकाओं पर गुरुवार को एक साथ सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और नगर निगम के वकीलों ने कहा कि एक महीने के भीतर सड़कें दुरुस्त कर ली जाएंगी। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि देख लेते हैं एक महीने में क्या करते हैं। कोर्ट ने एनएचएआई,पीडब्ल्यूडी व नगर निगम को शपथ पत्र के साथ प्रोग्रेस रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 18 नवंबर को तय की गई है।

 एनएचएआई की ओर से शपथपत्र प्रस्तुत कर बताया गया कि सेंदरी फोरलेन के पास जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है। यहां ब्लैक स्पॉट के कारण घट रही दुर्घटनाओं को रोकने नई सड़क बनानी है। वर्क आर्डर जारी कर दिया गया है। एक महीने के भीतर प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। नगर निगम बिलासपुर की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता संदीप दुबे ने डिवीजन बेंच को बताया कि नई सड़क बनाने के लिए प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। रिपेयरिंग का काम भी जल्द प्रारंभ किया जाएगा। राज्य शासन ने नई सड़कों के साथ ही मेंटनेंस के लिए ग्रांट जारी कर दिया है। एक महीने के भीतर काम पूरा कर लेने की जानकारी अधिवक्ता दुबे ने कोर्ट को दी। सुनवाई में न्यायमित्र राजीव श्रीवास्तव, आशुतोष कछवाहा, राष्ट्रीय राजमार्ग की ओर से धीरज वानखेड़े ने पक्ष रखा।


 कोरबा एयर स्ट्रिप की घटना पर कोर्ट ने कहा- वीवीआइपी भी सुरक्षित नहीं


कोरबा में टूटे फूटे एयर स्ट्रिप के कारण पिछले माह विमान लड़खड़ाने की घटना को भी सीजे ने गंभीरता से लिया। इसमें

वित्त मंत्री ओपी चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सवार थे, जो बाल-बाल बचे। कोर्ट ने कहा कि मेंटनेंस में लापरवाही का खामियाजा ऐसे भुगतना पड़ता, जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी। जनप्रतिनिधि बाल-बाल बच गए। जब वीवीआईपी का ये हाल है तो आम आदमी कहां जाएंगे, क्या करेंगे, समझ से परे है। सड़कों की हालत को दुरुस्त करना ही होगा। 


जिम्मेदारी का ईमानदारी से पालन करें अधिकारी


कोर्ट ने कहा कि ठेका कंपनी और मॉनिटरिंग करने वाले विभाग के अफसरों की जिम्मेदारी क्या है? जिसे जो जिम्मेदारी दी गई है, उसका हर एक आदमी को ईमानदारी से पालन करना ही चाहिए। हर एक का जीवन कीमती है, चाहे वह आम आदमी हो या फिर खास। किसी की जिदंगी को अनदेखा नहीं किया जा सकता।

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