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कई शिकायतें होने के बाद भी क्यों नहीं रही किम्स प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई, क्यों काँप रहे स्वस्थ विभाग के हांथ

 







बिलासपुर.  प्रशासन का भय निजी अस्पतालों में नजर नहीं आ रहा है या मामले उजागर होने के बाद भी प्रशासन इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करना चाह रहा है. किम्स अस्पताल में आए एक मामले में भी स्वस्थ विभाग बौना ही नजर आया है. यहाँ निगम टास्क कर्मी की प्रसूता पत्नी का ऑपरेशन कर २ दिन में छुट्टी दे दी गई. उसके बाद किम्स प्रबंधन द्वारा  बिल भुगतान के लिए उसके तीन मंगलसूत्र गिरवी रख लिए गए. यहाँ गैर करने वाली ये है की इस मामले में सरकारी योजनाओं को नकार दिया गया. लेकिन जिले भर में स्वास्थ्य सुविधाओ की मानिटरिंग करने वाला स्वास्थ्य महकमा के  निजी अस्पताल संचालको के खिलाफ कार्रवाई करने से हाथ कांप रहे है. 







महीने  में सात-आठ हजार की नौकरी करने वाले निगम कर्मी को अपनी गर्भवती पत्नी की डिलीवरी कराने और किम्स प्रबंधन के दुर्व्यवहार और दबाव के चलते अपनी पत्नी के 3 मंगलसूत्र को गिरवी ऱखवा रकम का इंतेजसम करना पड़ा. ईएसआईसी आयुष्मान और जननी सुरक्षा जैसी 3-3 योजनाओं के होते हुए. सिस्टम के लिए इससे शर्मनाक बात और क्या हो सकती है.ऐसा नहीं है की किम्स प्रबंधन के खिलाफ इससे पहले शिकायतें नहीं आईं है. कोरोना काल के दौरान लापरवाही के चलते मौतों और उगाही की शिकायतें भी किम्स प्रबंधन के खिलाफ आई. लेकिन सिर्फ जाँच कमिटी बना कर मामले को रफा-दफा कर दिया गया. कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. इस मामले में भी स्वाथ्य विभाग के खिलाफ जैसे तर्क दिए जा रहे है. उससे ये साफ़ है कि इस मामले को भी रफा दफा करने की पटकथा लिखी जा चुकी है. 




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