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बिल्डरों की धांधली पर रेरा ट्रिब्यूनल की लगाम, ब्रोशर में बताई गई सुख- सुविधा देना पड़ेगा, फ्लैट में आई खराबी का हर्जाना देने के निर्देश

 




बिलासपुर। एक मामले में प्रदेश के रेरा अपीलेट ट्रिब्युनल ने आदेश दिया है कि ब्रोशर में उल्लेखित सुख-सुविधा आवास में देने के लिए बिल्डर बाध्य है। साथ ही स्तरहीन निर्माण के कारण आवेदिका के फ्लैट में आई टूट- फूट, खराबी का पुनर्निर्माण और सुधार करने के निर्देश भी प्राधिकरण ने दिए।


आमासिवनी रायपुर में स्थित ओम कंस्ट्रक्शन ने सफायर ग्रीन प्रोजेक्ट में फ्लैट क्रमांक 601 आवेदिका मीनाक्षी तलवार को बेचा था। फ्लैट बेचते समय दिखाये गये ब्रोशर के हिसाब से फ्लैट में सुख-सुविधा नही दी गई और निम्न स्तर का निर्माण कार्य किया गया था। इस कारण आवेदिका के फ्लैट में सीपेज आने लगा और फ्लैट मे लगे फर्नीचर, साज -सज्ज़ा आदि खराब हो गये। मीनाक्षी तलवार ने रेरा के निम्न न्यायाधिकरण के समक्ष एक शिकायत अधिवक्ता फिजी ग्वालरे एवं निधि अग्रवाल के माध्यम से प्रस्तुत की। सुनवाई उपरांत रेरा ने शिकायत आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए आवेदिका को उपयुक्त राहत नहीं दी।








अपीलेट ट्रिब्यूनल ने दिए पूरे नुकसान की भरपाई के निर्देश


   क्षुब्ध होकर आवेदिका ने अपीलेट ट्रिब्यूनल रेरा के समक्ष अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से अपील प्रस्तुत कर क्षतिपूर्ति मांगी। ट्रिब्यूनल ने इसे स्वीकार करते हुए एक आदेश न्याय दृष्टांत के रूप में पारित किया। अपने आदेश में प्राधिकरण ने स्पष्ट रूप में लिखा है कि बिल्डर द्वारा जो भी ब्रोशर छपाया जाता है उक्त के अनुसार सुख-सुविधा देने के लिए वह बाध्य है। साथ ही आवेदिका को विक्रय किये गये उक्त फ्लैट का निर्माण निम्न स्तर होने के चलते हुई टुट-फुट, सीपेज और खराबी को सुधारने और जो भी फर्नीचर और फिक्चर खराब हुए है उक्त सभी को ओम कंस्ट्रक्शन अपने खुद के खर्चे पर बनवाकर आवेदिका को 1 माह के अंदर देगा।

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