बिलासपुर। हाईकोर्ट ने मृतक सहायक शिक्षक को 9 साल बाद ग्रेच्यूटी दिए जाने पर उनकी पत्नी को 12 प्रतिशत ब्याज भी देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने भुगतान में देर के दोषी अधिकारी के वेतन से इसकी कटौती करने की सलाह भी शासन को दी है।
दुर्ग जिले में पाटन तहसील के ग्राम जीट निवासी गोवर्धन लाल ठाकुर सहायक शिक्षक थे। दिसंबर 2006 को सेवाकाल के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। एक साल के भीतर विभाग ने समूह बीमा और कुछ अन्य भुगतान उनके परिजनों को किया था। छ्ठे वेतन की राशि वर्ष 2010 में दी गई। लेकिन 3 लाख 83 हजार रुपए ग्रेच्यूटी का भुगतान उनकी मृत्यु के लगभग 9 साल बाद 2015 में किया गया।
इस पर कर्मचारी की पत्नी अमृता ठाकुर ने अधिवक्ता अशोक पाटिल के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी ने विभाग के प्रति नाराजगी जताई। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को लंबित भुगतान में ब्याज पाने का भी हकदार माना। इसके साथ ही शिक्षा विभाग को याचिकाकर्ता को 12 प्रतिशत ब्याज भी देने का निर्देश दिया है।