बिलासपुर। हाईकोर्ट में प्रदेश के स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं के अभाव और शिक्षा सामग्री की कमी को लेकर हाईकोर्ट ने स्व संज्ञान लिया है। सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को मामले की जांच करने और अपना शपथपत्र प्रस्तुत करने का निर्देश देते हुए कहा कि भविष्य ऐसी घटनाएं सामने न आएं, यह सुनिश्चित करें।
प्रदेश के कुछ शासकीय स्कूलों में आवश्यक सुविधाओं की कमी है, इसे लेकर गत माह रायपुर के शासकीय प्रयास विद्यालय के विद्यार्थियों ने सड़क पर उतरकर मंत्रालय तक मार्च पास्ट निकाला था। इसे संज्ञान में लेकर हाईकोर्ट ने जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डीबी में हुई सुनवाई में राज्य की ओर से उपस्थित महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत ने कहा कि मामले को संबंधित प्राधिकारी द्वारा संज्ञान में लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस तथ्य को देखते हुए कि जिस तरह से संस्थानों में किताबों और बुनियादी गुविधाओं की कमी पर छात्र विरोध करने के लिए सड़क पर आ रहे हैं यह थोड़ा परेशान करने वाला है। इस बात की जांच कराई जा रही है कि संस्थान का प्रबंधन समस्याओं के समाधान के लिए क्या कर रहा है और छाओं को विरोध करने के लिए सड़क पर आने की अनुमति क्यों दी जा रही है?
चीफ जस्टिस ने आगामी सुनवाई तक राज्य के मुख्य सचिव को मामले की जांच करने और अपना शपथपत्र प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है, ताकि भविष्य में ऐसी कोई घटना इस न्यायात्रय के संज्ञान में न आए। कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि संस्थानों में बुनियादी सुविधाओं की कमी में कोई अनियमितता है, तो छात्र अपने अभिभावकों के माध्यम से संबंधित प्राधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। मामले में 7 अक्टूबर को अगली सुनवाई रखी गई है।