बिलासपुर। मिर्गी की गंभीर बीमारी से पीड़ित बुजुर्ग महिला कर्मचारी को नक्सलाइट क्षेत्र में स्थानांतरित करने पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई है। कर्मचारी के रिटायरमेंट को सिर्फ 1 साल 8 माह बाकी हैं।
रायपुर निवासी सरोज वर्मा, महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था दुर्ग में प्रशिक्षण अधीक्षक के पद पर पदस्थ हैं। उनकी पदस्थापना के दौरान सचिव, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग रायपुर ने एक आदेश जारी कर उनका स्थानांतरण घोर नक्सली जिला बीजापुर कर दिया। उन्होंने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर स्थानांतरण आदेश को चुनौती दी। अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय ने कोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया कि छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग रायपुर ने 3 जून 2015 को जारी सर्कुलर में कहा है कि जो शासकीय सेवक 55 वर्ष से अधिक की उम्र पार चुके है उन्हें घोर अनुसूचित जिले में पदस्थ नहीं किया जायेगा।
.वर्तमान में याचिकाकर्ता की उम्र 60 वर्ष 4 माह है। फिर भी उनका स्थानांतरण बीजापुर कर दिया गया, जो कि पॉलिसी का उल्लंघन है। याचिका में बताया गया कि याचिकाकर्ता की जुलाई- अगस्त 2024 की मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार वह मिर्गी की गंभीर बीमारी से ग्रस्त है। साथ ही उनके रिटायरमेन्ट को सिर्फ 1 वर्ष 8 माह शेष हैं। ऐसी स्थिति में गंभीर अनुसूचित और नक्सली जिले में जाने पर याचिकाकर्ता को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर याचिकाकर्ता के दुर्ग से बीजापुर स्थानांतरण पर रोक लगा दी।