बिलासपुर। हाईकोर्ट ने एक मामले में कहा है कि दिव्यांगों को लंबी दूरी की यात्रा से बचाने के लिए निवास के आसपास पोस्टिंग देने पर विचार किया जाए। जस्टिस पीपी साहू की सिंगल बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए राज्य शासन को दिव्यांग अधिकारियों- कर्मचारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए नीति बनाने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने राज्य शासन को विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 के तहत इसके लिए राज्य आयुक्त नियुक्त करने का निर्देश दिया है। धारा 80 के तहत आयुक्त को अलग-अलग अक्षम व्यक्तियों के अधिकारों के हनन के संबंध में स्वप्रेरणा से विचार करना होगा। सिंगल बेंच ने आदेश में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने दिव्यांग कर्मचारी व अधिकारियों के स्थानांतरण के मुद्दे पर कहा है कि शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्ति स्वतंत्र और आसानी से घूमने में असमर्थ होते हैं। दिव्यांग व्यक्तियों को होने वाली बाधाओं पर विचार करते हुए देशभर की राज्य सरकारों को दिव्यांग व्यक्तियों को उनकी पसंद के स्थानों पर यथासंभव तैनात करने के लिए 20 जुलाई 2000 को अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों को दिए जाने वाले इस लाभ का उद्देश्य शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों को ऐसे स्थान पर तैनात करने में सक्षम बनाना है, जहां उनको आसानी से मदद मिल सके और शासकीय कामकाज के संचालन में दिक्कतें ना आए।
यह है मामला
सचिव नगरीय प्रशासन ने 12 सितंबर 2023 काे एक आदेश जारी कर नगर पालिका परिषद बेमेतरा में सहायक राजस्व निरीक्षक के पद पर याचिकाकर्ता का तबादला नगर पालिका परिषद कुम्हारी, जिला दुर्ग कर दिया था। याचिकाकर्ता ने 21 अगस्त.2024 के उस आदेश को भी चुनौती दी है, जिसके तहत उसे वर्तमान पदस्थापना स्थान से हटाकर स्थानांतरित स्थान पर कार्यभार ग्रहण करने के लिए कहा गया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता संदीप दुबे ने कोर्ट में तर्क दिया कि याचिकाकर्ता को प्रारंभ में शारीरिक रूप से विकलांग श्रेणी के तहत नगर पालिका परिषद बेमेतरा में भृत्य के पद पर नियुक्त किया गया था। याचिकाकर्ता 70 प्रतिशत चलने-फिरने में अक्षम है (एक हाथ पूरी तरह से कटा हुआ है)।नियुक्ति की तिथि से याचिकाकर्ता लगातार नगर पालिका परिषद बेमेतरा में काम कर रहा है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय और इस रिट याचिका में याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए मुद्दों को ध्यान में रखकर राज्य शासन द्वारा जारी स्थानांतरण आदेश पर रोक लगाते हुए याचिकाकर्ता को नगर पालिका बेमेतरा में काम करने की अनुमति दी है।
आवेदन मिलने पर जल्द करें निराकरण
कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सचिव नगरीय प्रशासन विभाग के समक्ष 10 दिनों के भीतर संपूर्ण दस्तोवजों के साथ विस्तृत अभ्यावेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि यदि याचिकाकर्ता अभ्यावेदन प्रस्तुत करता है, तो सचिव नगरीय प्रशासन को उस पर कानून के अनुसार शीघ्रता से विचार कर निराकरण करना होगा।