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नई दिल्ली स्थित होटल हॉली- डे -इन में टीवी 9 नेटवर्क द्वारा आयोजित बिल्डिंग- ए -न्यू इंडिया समिट कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए केन्द्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू

 




नई दिल्ली.भारत की जीडीपी में आज शहरी क्षेत्रों का योगदान लगभग 60% है। हमारे पास काम करने के लिए अनंत संभावनाए हैं। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 2025 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने और 2047 तक विकसित देश बनाने का लक्ष्य तय किया है। चूँकि शहरों को आर्थिक विकास के इंजन के रूप में जाना जाता है, इसलिए इन लक्ष्यों को पूरा करने में शहरों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।






- तेजी से होते शहरीकरण के चलते कई तरह की चुनौतियां सामने आती हैं। इन्हीं चुनौतियों से निपटने के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन, अमृत मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्मार्ट सिटी मिशन, शहरी परिवहन के लिए मिशन आदि को शुरू किया।

- स्वच्छ भारत अभियान, अमृत और नमामि गंगे जैसी योजनाओं के द्वारा भारत सरकार का प्रयास है कि ग्रे और ब्लैक वाटर का पूर्ण प्रबंधन हो, अनट्रीटेड वाटर किसी भी जल स्रोत में न जा सके। इसी दिशा में 2021 में भारत सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन 2.0 शहरी (SBM-U 2.0) का दूसरा चरण शुरू किया। जिसमें ODF से आगे बढ़ते हुए हम ODF++ और water+ की ओर तेज़ी से बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं।

- अमृत योजना के तहत देश भर के 500 शहरों में 1.89 करोड़ जल कनेक्शन और 1.49 करोड़ सीवर कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। अमृत 2.0 के माध्यम से used वाटर के दुबारा उपयोग की सुविधा बढ़ाने के साथ-साथ जल संरक्षण का लक्ष्य प्राप्त किया जा रहा है। वहीँ, सरकार की नमामि गंगे योजना, माँ गंगा और उसकी सहायक नदियों की स्वच्छता और पुनर्जीवन के लिए प्रतिबद्ध है।

- भारत में प्रतिदिन लगभग 1.5 लाख मीट्रिक टन कचरा उत्पन्न होता है। ये कूड़ेदान पर्यावरणीय खतरों से कहीं अधिक उपयोगी अवसर के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। अपशिष्ट को पुनः उपयोग योग्य बनाना शहरी परिदृश्य के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा एवं अन्य विकासशील देशों के लिए प्रेरणादायक रहेगा।

- इंदौर, रायपुर और हैदराबाद जैसे शहरों ने जैविक-खनन के माध्यम से बड़े पैमाने पर डंपसाइटों को सफलतापूर्वक ठीक करके और ताजा कचरे को वैज्ञानिक रूप से संसाधित करके उल्लेखनीय उदाहरण स्थापित किए हैं। पूरे भारत में ऐसे प्रयासों को बढ़ाने से शहरी स्थानों को पुनः प्राप्त किया जा सकता है, मीथेन उत्सर्जन को कम किया जा सकता है और हमारी जलवायु प्रतिबद्धताओं को आगे बढ़ाया जा सकता है।

- SBM-U 2.0 में हमारा उद्देश्य है कि देश का हर एक शहर ‘कचरा मुक्त’ बने। देश भर में कचरा प्रसंस्करण दर 2014 के 18% से बढ़कर लगभग 78% हो गई है। स्वच्छ भारत मिशन के द्वारा न सिर्फ जागरूकता बढ़ाई जा रही है बल्कि देश में 97% वार्डों में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण की व्यवस्था लागू हो चुकी है। अपशिष्ट प्रबंधन में सरकुलर इकॉनमी को अपनाना न केवल पर्यावरणीय स्थिरता प्राप्त करने के लिए बल्कि आर्थिक विकास और सामाजिक समावेशन को बढ़ावा देने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

- टेक्नोलॉजी की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। कई विकसित देशों में उन्नत अपशिष्ट पृथक्करण और इको सिटी रीसाइक्लिंग पार्क हैं। अभी हाल ही में लखनऊ में मैंने एक ऐसे पार्क का भ्रमण किया जो वेस्ट टू वेल्थ का अच्छा नमूना है। देश के अन्य हिस्सों में भी ऐसे पार्क स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि वे न केवल कचरे का कुशलतापूर्वक प्रसंस्करण करते हैं बल्कि सार्वजनिक जागरूकता भी पैदा करते है बल्कि “स्वभाव स्वच्छता- संस्कार स्वच्छता” के हमारे मूल मंत्र को प्रदर्शित करते है।

- स्वच्छ भारत मिशन (SBM) सरकुलर इकॉनमी के सिद्धांतों से मेल खाता है। प्रकृति संरक्षण के मूल्य वैसे भी भारत की सांस्कृतिक विरासत में गहराई से निहित हैं।

- स्वच्छ भारत मिशन से महिलाओं, लड़कियों और स्वच्छता कार्यकर्ताओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है। इस मिशन ने महिलाओं के अनुकूल शौचालयों को बढ़ावा दिया है, आकस्मिक श्रमिकों को औपचारिक दर्जा दिया है और स्वच्छता में महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को प्रोत्साहित किया है, जिससे महिलाओं का सशक्तिकरण हुआ है।

- शहरी परिवहन को सरल, सस्ता, उपयोगी, लास्ट माइल कनेक्टिविटी के साथ साथ पर्यावरण के अनुकूल करना होगा। AI जैसी तकनीकों का उपयोग करके इसे संभव किया जा सकता है।

- हमारे शहरों की गतिशीलता निर्बाध होनी चाहिए। आज मेट्रो नेटवर्क में प्रतिदिन लगभग 1 करोड़ लोग यात्रा कर रहे हैं। पीएम-ई-बस सेवा योजना से 169 शहरों में 10,000 ई-बसों से शहरी परिवहन में नई क्रांति आ रही है ।

- सरकार ने कई शहरों में मेट्रो रेल पर काम किया है और मेट्रो नेटवर्क कनेक्टिविटी के मामले में अब हम विश्व में तीसरे नंबर पर हैं और जल्दी ही दूसरे नंबर पर आने वाले है।

- सरकार, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में सहनीय विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने लिए प्रतिबद्ध है। इस वर्ष के बजट में शहरी विकास में विशेष पहलों के लिए 15,000 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन की घोषणा की गई है। सरकार पहले से ही, भारत के विकास के इस अमृत काल में आने वाले दशकों की ओर देख रही है। भारत सर्कुलर इकोनॉमी को शहरी विकास का प्रमुख आधार बना रहा है।

- मै देशभर के तमाम शैक्षणिक संस्थाओं, निवेशकों, उद्यमियों और आप सब मेडिया बंधुओं का आवाहन करता हूँ कि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के महायज्ञ में मोदी जी के साथ आगे बढ़ें।

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