Bilaspur. सुन्दर काण्ड, गणपति अथर्वशीष व लाक्षर्चना
साईं माउली पारिजात एक्सटेंशन कालोनी में कार्तिक उत्सव 2024 के अवसर पर सुबह 5:30 बजे काकड़ आरती हुई इसके पश्चात 8:30 बजे पारिजात कॉलोनी और परिजात एक्सटेंशन कॉलोनी में साईं बाबा के भक्त भिक्षा की झोली लेकर निकले जिसमें कॉलोनी वासियों ने यथा योग भिक्षा प्रदान की, सांई नाथ के इस नियमित किये जाने वाले कार्य में भिक्षा लेने और देने वालों ने पूर्ण उत्साह दिखाया. इसके पश्चात सांय 6:30 से श्री गणेश अथर्वशीर्ष पाठ हुआ। तत्पश्चात भक्तों द्वारा साईं बाबा की अक्षत द्वारा लक्षर्चना की गई जिसमें ओम श्री साईं राम का मंत्र का जाप किया गया एक बहुत बड़े समूह में जब इस तरह के जाप और अर्चना होती है इसका महत्व और पुण्य कई गुना बढ़ जाता है.इसके बाद सुंदरकांड का सामूहिक पाठ किया गया इन सभी कार्यक्रमों में लगभग 250 से 300 भक्तों ने भाग लिया। सुन्दर काण्ड से पहले कौस्तूभी पालेकर ने भजनों की प्रस्तुत दी। सुंदरकांड हमेशा ही पढ़ा जाता है लेकिन कार्तिक मास के अंतिम पांच दिनों में सुंदरकांड के पढ़ने के महत्व को दिलीप पात्रीकर जी द्वारा विस्तार से बताया गया कि सुंदरकांड में आने वाले कथानक जैसे हनुमान जी का सीता जी की खोज में लंका जाना उन्हें अंगूठी देकर अपनी पहचान बताना विभीषण से हनुमान जी का मिलना यह सब कार्तिक के इन अंतिम 5 दिनों में ही हुआ था। मंच पर सुन्दर काण्ड पाठ में तबला दिलीप पात्रीकर,मंजीरे पर - श्री प्रतुल काले
हारमोनियम - श्रीमती छाया कार्डेकर तथा श्रीमती नीलिमा वेलनकर , श्रीमती बत्रा, श्रीमती विश्वकर्मा, श्रीमती नीलू दूबे, श्रीमती विद्या द्रोणकर, श्रीमती प्रभा शुक्ला,
श्रीमती शालू मिश्रा प्रमुख थे। हनुमान चालीसा व आरती के साथ साथ कार्यक्रम की समाप्ति हुई। सुबह सांई भक्तों द्वारा भिक्षा में प्राप्त अन्न व सब्जी से प्रसाद तैयार किया गया और वहीं सबको वितरित किया गया।14 नवंबर को बाबा की पालकी निकलेगी और 15 नवंबर को सांई नाथ का सुबह 10 बजे दुग्धाभिषेक और शाम को 7 बजे महाआरती व सम्मान समारोह
हारमोनियम - श्रीमती छाया कार्डेकर तथा श्रीमती नीलिमा वेलनकर , श्रीमती बत्रा, श्रीमती विश्वकर्मा, श्रीमती नीलू दूबे, श्रीमती विद्या द्रोणकर, श्रीमती प्रभा शुक्ला,
श्रीमती शालू मिश्रा प्रमुख थे। हनुमान चालीसा व आरती के साथ साथ कार्यक्रम की समाप्ति हुई। सुबह सांई भक्तों द्वारा भिक्षा में प्राप्त अन्न व सब्जी से प्रसाद तैयार किया गया और वहीं सबको वितरित किया गया।14 नवंबर को बाबा की पालकी निकलेगी और 15 नवंबर को सांई नाथ का सुबह 10 बजे दुग्धाभिषेक और शाम को 7 बजे महाआरती व सम्मान समारोह