बिलासपुर। महिला बाल विकास विभाग में डीएमएफ (जिला खनिज न्यास निधि) फंड के दुरुपयोग की परतें लगातार खुल रहीं हैं। भाजपा नेता और तत्कालीन विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कोरबा समेत आसपास के जिलों में डीएमएफ से खरीदी गई सामग्री और प्रक्रियाओं का ब्योरा मांगा, तो विभाग के अधिकारी जवाब देने से कतराते रहे। 5 जनवरी 2023 तक विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने जानकारी नहीं भेजी, फिर 20 जनवरी को तत्कालीन कलेक्टर संजीव झा के हस्ताक्षर से संचालक महिला बाल विकास विभाग को एक जवाब भेजा गया। लेकिन इसमें कुछ भी स्पष्ट न होने से संचालक दिव्या उमेश मिश्रा ने फिर 24 जनवरी को निर्देश दिया कि सूचना को दुरुस्त कर दोबारा भेजा जाए।
उल्लेखनीय है कि कोरबा में जब रानू साहू कलेक्टर थीं, तो उनके कार्यकाल में कई अनियमितताएं हुईं, जिसकी परतें अब खुलने लगी हैं। इन मामलों में कार्रवाई न होने का नतीजा ये है कि ठेकेदारों और सप्लायरों के लिए मानो ‘सोने की खान’ खुल गई थी। आरोप है कि नियमों को ताक पर रख कर करोड़ों का वितरण हुआ और साथ ही साथ अधिकारियों को संरक्षण भी मिला, जिस कारण अधिकारियों ने भी स्वामी भक्ति में गलत जानकारी देने से भी परहेज़ नहीं किया। जब महिला बाल विकास विभाग के संचालक ने इस पर कार्रवाई के लिए पत्र लिखा, तो उसे भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।