बिलासपुर। अपराधिक मामलों के संबन्ध में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में हाईकोर्ट ने अपनी बेंचों समेत सभी अधीनस्थ अदालतों को दोषसिद्धि, बर्खास्तगी,बरी होने के मामले में फैसले की प्रति के साथ कवर शीट भी संलग्न करने के निर्देश दिए हैं। इसमें आगे की कार्रवाई, निशुल्क कानूनी सहायता की पूरी और विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि सुहास चकमा बनाम भारत संघ एवं अन्य मामले में पारित 23 अक्टूबर 2024 के अपने निर्णय में, आपराधिक मामलों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने कई निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा निर्देशों के अनुसार ही रजिस्ट्रार (न्यायिक) ने रजिस्ट्री और जिला न्यायालीन प्रशासनिक स्टाफ को निर्देश दिए हैं कि दोषसिद्धि,बर्खास्तगी,बरी होने के फैसले को पलटने ,जमानत आवेदनों को खारिज करने के फैसले की प्रति प्रस्तुत करते समय, फैसले के साथ एक कवर शीट संलग्न की जाए। इसमें अपील, संशोधन के माध्यम से अपीलीय, पुनरीक्षण न्यायालय के समक्ष कानूनी उपाय, मुफ्त कानूनी सहायता, सुविधाओं की उपलब्धता के बारे में सूचित किया जाए। कवर-शीट में उचित मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए न्यायालय से जुड़ी कानूनी सहायता समिति का संपर्क पता और फोन नंबर शामिल हो सकता है।
नोटिसों में भी इस प्रकार की जानकारी दी जाएगी
रजिस्ट्रार जनरल बलराम वर्मा ने बताया कि,बरी किये जाने के विरुद्ध अपीलों में संबंधित न्यायालयों द्वारा प्रतिवादियों को जारी किये जाने वाले नोटिस में भी इसी प्रकार की जानकारी उपलब्ध कराई जा सकती है। हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार (कम्प्यूटरीकरण)-सह-सीपीसी को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे हाईकोर्ट के वेबपेज पर छत्तीसगढ़ राज्य में उपलब्ध कानूनी सहायता और सुविधाओं के बारे में जानकारी अपलोड करें।