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जनजातीय गौरव दिवस पर केन्द्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू ने बेलगहना में भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धासुमन अर्पित किए

 






बिलासपुर। केन्द्रीय आवासन एवं शहरी विकास कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू ने संसदीय क्षेत्र बिलासपुर के जनजातीय बहुल क्षेत्र बेलगहना मे भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धा सुमन अर्पित करके  उन्होंने  विशाल जनजातीय समागम को संबोधित किया जिसमें  उन्होंने जनजाति गौरव दिवस की बधाई दिये और कहा कि भगवान बिरसा मुंडा जी के आदर्श न केवल जनजातीय, बल्कि देश के सभी समुदायों के युवाओं के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत हैं। कम उम्र में ही भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के खिलाफ जंग छेड़ा जिसे उन्होंने मरते दम तक कायम रखा था । बिरसा मुंडा और उनके समर्थकों ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिये थे वे जल, जंगल, जमीन रक्षा के लिए उन्होंने लंबा संघर्ष किये ।आजादी के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले बिरसा ने उलगुलान क्रांति का आह्वान किये ।भगवान बिरसा मुंडा की गौरव गाथा युगों – युगों तक प्रेरणा देती रहेगी।





श्री साहू ने कहा कि न्याय के हित में सर्वस्व बलिदान करने की भावना, जनजातीय समाज की विशेषता रही है। स्वाधीनता संग्राम के इतिहास में, जनजातीय समुदायों द्वारा किए गए आंदोलन की महती भुमिका है झारखंड क्षेत्र के भगवान बिरसा मुंडा और सिद्धू-कान्हू, , छत्तीसगढ़ में शहीद वीर नारायण,  बलिदानी गुण्डाधुर, 






गेंद सिंह ,मध्य प्रदेश के टंट्या भील तथा भीमा नायक, आंध्र प्रदेश के अल्लुरी सीताराम राजू, मणिपुर की रानी गाइडिनलियु तथा ओडिशा के शहीद लक्ष्मण नायक जैसे  असंख्य अनेक वीरों और वीरांगनाओं ने संपुर्ण भारत में जनजातीय गौरव को बढ़ाया।

श्री साहू ने कहा कि अधिकांश जनजातीय क्षेत्र वन एवं खनिज सम्पदा से समृद्ध रहे हैं। हमारे आदिवासी भाई बहन प्रकृति पर आधारित जीवन यापन करते हैं और सम्मानपूर्वक प्रकृति की रक्षा भी करते हैं। ब्रिटिश शासन के दौरान प्राकृतिक संपदा को शोषण से बचाने के लिए जनजातीय समुदाय के लोगों ने भीषण संघर्ष किए थे। वन संपदा का संरक्षण काफी हद तक उनके बलिदान से ही संभव हो सका। आज के समय में जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के दौर में आदिवासी समाज की जीवन शैली और वन संरक्षण के प्रति उनके दृढ़निश्चयसे सभी को शिक्षा लेने की जरूरत है।


केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री तोखन साहू ने कहा कि जनजातीय समाज द्वारा मानव समुदाय, वनस्पतियों तथा जीव-जंतुओं को समान महत्व दिया जाता है। आदिवासी समाज में व्यक्ति के स्थान पर समूह को,प्रतिस्पर्धा की जगह सहयोग को और विशिष्टता की जगह समानता को अधिक महत्त्व दिया जाता है। स्त्री-पुरुष के बीच की समानता भी आदिवासी समाज की विशेषता है। जनजातीय समाज में जेंडर-रेशियो,सामान्य आबादी की तुलना में बेहतर है। जनजातीय समाज की ये विशेषताएं सभी देशवासियों के लिए अनुकरणीय हैं।


कोटा विधानसभा के पोड़ी (मोहदा) में 21लाख रुपए विकास कार्य के लोकार्पण किये


केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री तोखन साहू आज संसदीय क्षेत्र के कोटा विधानसभा के पोड़ी (मोहदा) में विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण किये जिसमें 6 लाख रुपए की सामुदायिक भवन एवं 15 लाख रुपए के पंचायत भवन का भुमिपजन किये।

आज के कार्यक्रम में तखतपुर श्री धर्मजीत सिंह, बेलतरा के विधायक श्री सुशांत शुक्ला ,कोटा विधायक, अटल श्रीवास्तव जिला पंचायत अध्यक्ष श्री अरूण चौहान, जिला कलेक्टर श्री अवनीश शरण, एसपी रजनेश सिंह ,जिला भाजपा अध्यक्ष रामदेव कुमावत, मोहित जायसवाल , तीरिथ यादव , राजेश कश्यप, महराज, दयाशंकर तिवारी सहित कार्यकर्ता उपस्थित रहे


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