बिलासपुर. बिलासपुर में लगातार अवैध कब्जे हटाए जा रहे है. खनन पर भी प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है. जमीनों के मामले में ढिलाई क्यों दी जा रही है, ये समझ के बहार है. यहाँ अजब-गजब खेल चल रहा है. रजिस्ट्री होने के पहले ही तहसीलदार द्वारा नामांतरण का आदेश जारी कर दिया जा रहा. इस पर लगाम लगाने मंशा प्रशासन को ओर से दिखाई नहीं पड़ती है. यहाँ तक कि पुलिस द्वारा राजस्व विभाग को क्लीन चिट दे दी जाती है. ऐसा इसीलिए क्यूंकि को जानकारी सामने आ रही है, उससे अंदाजा लगाया जाए तो सकरी जमीन गड़बड़ी मामले में राजस्व विभाग पर कई प्रश्न चिन्ह लग रहे है.
जानकरी के अनुसार राजस्व अधिकारी द्वारा जब जमीन का अपडेट निकला गया, तब जा कर गड़बड़ी सामने आई. वरना दो-ढाई एकड़ जमीन रामसाय राम के पॉवर ऑफ एटर्नी से कब की बिक गई होती. बताया जा रहा कि इस प्रकरण में पटवारी ने ऐप से ऑनलाइन रजिस्ट्री के लिए आये दस्तावेजो को तहसीलदार के समक्ष पेश किया और तहसीलदार ने बिना परीक्षण किये नामांतरण का आदेश जारी कर पटवारी को रिकॉर्ड दुरुस्त करने भेज दिया. इससे पूरी प्रक्रिया पर कई सवाल कड़े हो रहे हैं.