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नेहरू चौक स्थित आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र वैधशाला में पांच दिवसीय शिविर का चौथा दिन : पहुँच रहे मरीज, मलद्वार रोग जैसे पाइल्स ( बवासीर ), फिशर ( मलद्वार का छीलना) एवं फिस्टुला ( भगंदर) का दिया जा रहा चिकित्सा परामर्श, कॉल या whatsapp कर कराएं रजिस्ट्रेशन

 




बिलासपुर. नेहरू चौक स्थित आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र वैधशाला में बीस नवम्बर से पांच दिवसीय निशुल्क पाइल्स ( बवासीर ), फिशर ( मलद्वार का छीलना) एवं फिस्टुला ( भगंदर) जाँच एवं आयुर्वेदिक चिकित्सा परामर्श शिविर का आयोजन किया जा रहा है. जिसका आज चौथा दिन है. शिविर में परामर्श सुबह 11 बजे से 4 शाम बजे तक दिया जाएगा. यहाँ लगातार मरीज पहुंच रहे है और मलद्वार संबंधित रोगों का चिकित्सा परामर्श ले रहे है. जिसमें उन्हें उपचार और स्थाई समाधान बताया जा रहा है. शिविर में चिकित्सा परामर्श हेतु फ़ोन नंबर 07752-412224, 455551, 455552, 86028-11002 एवं व्हाट्सप्प नंबर 86028-11002पर संपर्क कर रजिस्ट्रेशन जरूर कराएं.


शल्यतंत्र चिकित्सा विज्ञान के जनक महर्षि सुश्रुत द्वारा वर्णित छारसूत्र प्रक्रिया ( शल्यक्रिया) मलद्वार के रोग पाइल्स ( बवासीर ), फिशर ( मलद्वार का छीलना ), फिस्टुला( भगंदर) के ईलाज हेतु उत्कृष्ट प्रक्रिया है. इस चिकित्सा का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इससे मलद्वार के रोगों की पुनरावृत्ति ( दोबारा रोग) की संभावना नहीं होती


.पाइल्स में क्या खाएं




आनाज में- गेंहू, पुराना शाली ( पसहर ) चांवल, यव (जौ ), कुथल दाल अधिक फायदेमंद है .




सब्जियों में - पटोल( परवल, शांची, बैगन, रसोन, चित्रकमूल, जिमीकंद, बथुआ, जीवंतिशाक, जिंबीरी निम्बू.




अन्य प्रदार्थों में - सुगंधित सुरा, सोंठ, हरीतकी( हर्रा ), काली मिर्च, मक्खन, भल्लातक, सरसों का तेल, गौमूत्र, सौवीर, शक्कर, आंवला, काला नमक, कैथ, बकरी का दूध, बकरी का दूध, धृत.सभी अग्निपानादि द्रव्य जो वातनाशक एवं पाचाक अग्नि को बढ़ाने वाले वे सभी पाइल्स ( अर्श या बवासीर ) रोग के लिए हितकर है.  

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