कोटा. छत्तीसगढ़ की राजनीति में कोटा विधानसभा चर्चा का बनी हुई है. यहाँ प्रदेश के दो दिग्गज एक मामले को लेकर आमने सामने आ गए हैं. दरअसल, इस इलाके के वन क्षेत्र में आने वाले गांव बंगलाभांटा में धर्मांतरण के मुद्दे पर दोनों नेताओं के बीच जमकर वार पलटवार हुआ. यहाँ सरकारी जमीन पर चर्च बनाने का आरोप लगाते हुए प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने ग्रामीणों से मुलाकात की. वहीँ विधायक अटल श्रीवास्तव ने प्रतिनिधि मंडल के साथ प्रशासन को ज्ञापन सौंपा. उन्होंने ने सवाल उठाया की प्रबल प्रताप बिना अनुमति यहाँ कैसे घुसे. जूदेव पर निशाना साधते हुए विधायक अटल श्रीवास्तव ने कहा कि अगर कोई भगवा पहन कर गुंडागर्दी करेगा तो नहीं सहेंगे. इसका जवाब देते हुए प्रबल प्रताप ने कहा कि नहीं सुधरे तो गांव क्या घर में भी घुसेंगे.
क्यों शुरू हुआ विवाद ?
कोटा के बांग्लाभाटा गाँव में एक प्रार्थना गृह का निर्माण किया गया है. जिसका ठांचा चर्च की तरह है. इस पर प्रबल प्रताप सिंह जूदेव का आरोप है कि यहाँ धर्मांतरण की पृष्ट्भूमि तैयार की जा रही है. उन्होंने इस मुद्दे पर ग्रामीणों से मुलाकात की और स्थानीय विधायक अटल श्रीवास्तव पर निशाना साधा. इस विधायक अटल श्रीवास्तव ने बिलासपुर में पुलिस के अधिकारीयों से मुलाकात की और प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाए.
घर वापसी आंदोलन में जूदेव परिवार की भूमिका
स्वर्गीय कुमार दिलीप सिंह जूदेव की ऑपरेशन घर वापसी अभियान उनके परिवार के द्वाराभाजपा नेता प्रबल प्रताप जूदेव परंपरा का निर्वहन कर रहे धर्मांतरण कर चुके आदिवासियों को वापस समाज के मुख्य धारा में जोड़ने के लिए पैर धोकर उनको मूल समाज में वापसी कार्यक्रम को कोटा क्षेत्र के विधायक अटल श्रीवास्तव नौटंकी बता रहे अपने बयान में उन्होंने कहा आदिवासियों के पास होने से कुछ नहीं होगा पैर धोने से कोई महात्मा नहीं कहलाता।