बिलासपुर। प्रदेश में बदहाल रोड ट्रांसपोर्ट पर हाईकोर्ट ने शासन को बसों के किराए और यात्री सुविधा पर विस्तृत जानकारी देने को कहा। बसों का किराया 8.75 पैसे प्रति किलोमीटर होने पर कोर्ट ने कहा कि राउंड फिगर में किराया लिया जाए, यात्री 25-50 पैसे कहां से लाएंगे। शासन की ओर से जानकारी दी गई के इसके लिए कैबिनेट से स्वीकृति कराने की जरूरत पड़ेगी। कोर्ट ने पूरी प्रक्रिया और उपायों की जानकारी प्रस्तुत करने राज्य शासन को 4 सप्ताह का समय दिया है।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में हुई सुनवाई में शासन ने बसों के वास्तविक किराए और उसमें छूट की जानकारी दी। इसमें प्रति किलोमीटर 8.75 रुपए का उल्लेख किये जाने पर कोर्ट ने कहा कि, आप किराया राउंड फिगर में लीजिये, आम आदमी 25 पैसे कहाँ से लायेगा। चीफ जस्टिस ने यह भी कहा कि विकलांगों, नक्सल प्रभावित लोगों के लिए और 80 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों के लिये क्या रियायत है? इन सुविधाओं का प्रचार-प्रसार किया जाए। इस शासन की ओर से बताया गया कि बसों में किराया सूची लगाई जा रही है। अब बस स्टैंड में भी यह सूची लगाई जाएगी। साथ ही यात्री सुविधाओं की जानकारी भी बसों और बस स्टैंड में उपलब्ध कराई जाएगी।
उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने मनमाने किराए और सिटी बस संचालन की स्थिति पर जुलाई माह में संज्ञान लिया है। पिछली सुनवाई में इस पर राज्य के परिवहन विभाग को विस्तृत जानकारी देने कहा था। कोर्ट ने इसी संदर्भ में बसों के रूट चार्ट , वास्तविक किराए और वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली रियायत की जानकारी देते हुए कार्य योजना बताने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने यह भी पूछा है कि, खटारा होती जा रही बसों को लेकर शासन क्या कर रहा है? इस पर शासन की ओर से बताया गया था कि केंद्र से इलेक्ट्रॉनिक बसों को स्वीकृति मिली है। दिसंबर माह से यही बसें बिलासपुर में भी चलेंगी। इससे खस्ताहाल बसों की समस्या नहीं रह जायेगी। अतिरिक्त महाधिवक्ता ने बताया था कि बस संचालकों को टैक्स से काफी छूट मिली हुई है। सिटी बसों के बारे में उन्होंने शासन की नई योजना का जिक्र भी किया था।
सुविधाओं का प्रचार करें, वर्ना जानकारी कैसे मिलेगी
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि बसों के डिस्प्ले में सारी जानकारी यात्रियों को मिलनी चाहिए। बसों के पीछे भी बड़े स्टीकर्स लगाकर इसका प्रचार किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि नोटिफिकेशन की जानकारी आम लोगों तक नहीं पहुंचती, इसलिए किराए और रियायत का पर्याप्त प्रचार प्रसार करें जिससे यात्रियों को समुचित जानकारी मिल सके। डीबी ने शासन को शपथपत्र में पूरी जानकारी देने के निर्देश देते चार सप्ताह बाद अगली सुनवाई निर्धारित की है।