कबीरधाम निवासी डॉ.पी. एन. शुक्ला, पशु चिकित्सा सेवायें, जिला कबीरधाम में उप संचालक के पद पर पदस्थ हैं। डॉ.पी.एन. शुक्ला की प्रथम नियुक्ति वर्ष 1988 में वेटनरी असिस्टेन्ट सर्जन के पद पर पशु चिकित्सा विभाग में हुई थी। उनकी तीस वर्ष की सेवा काल के पश्चात् तृतीय समयमान वेतन एवं उसका एरियर्स प्रदान न किये जाने से क्षुब्ध होकर डॉ.पी.एन. शुक्ला द्वारा हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं दुर्गा मेहर के माध्यम से हाईकोर्ट, बिलासपुर के समक्षा रिट याचिका दायर की गई ।
अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं दुर्गा मेहर द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि चूंकि याचिकाकर्ता की वर्ष 1988 में पशु चिकित्सा विभाग में प्रथम नियुक्ति हुई थी, सेवाकाल के 10 वर्ष पश्चात् उन्हें प्रथम समयमान, वेतनमान एवं 20 वर्ष पूर्ण होने पर द्वितीय समयमान, वेतनमान प्रदाय किया गया । छत्तीसगढ़ शासन, वित्त विभाग द्वारा दिनांक 08.08.2018 एवं दिनांक 25.03.2021 को जारी सर्कुलर के तहत छ.ग. शासन के अधीन जो शासकीय सेवक 30 (तीस) वर्ष की सेवाकाल पूर्ण कर चुके है, वे तृतीय समयमान वेतमान के पात्र है। चूंकि याचिकाकर्ता वर्ष 2018 में 30 वर्ष की सेवाकाल पूर्ण कर चुका है। इसके बावजूद भी उन्हें तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ प्रदान नहीं किया जा रहा है। उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा उक्त रिट याचिका की सुनवाई के पश्चात् याचिका को स्वीकार कर कृषि उत्पाद आयुक्त, रायपुर एवं संचालक, पशु चिकित्सा सेवायें, रायपुर को यह निर्देश दिया गया कि वे छ.ग. शासन, वित्त विभाग द्वारा दिनांक 08.08.2018 एवं 25.03.2021 को जारी सर्कुलर के तहत याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन का निराकरण कर तृतीय समयमान वेतनमान एवं एरियर्स की राशि प्रदाय करें।