बिलासपुर। प्रतिमा विसर्जन के बाद प्रदेश के सभी जिलों के जलस्रोतों की सफाई हुई या नहीं, कोर्ट ने नगरीय प्रशासन सचिव को एक सप्ताह में शपथपत्र के साथ जानकारी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। रायपुर कलेक्टर ने हाईकोर्ट में शपथपत्र प्रस्तुत किया। इसमें खारून नदी पर बनाए गए कुंड की सफाई कराने और ठेका देकर अवशेषों की नीलामी की जानकारी दी। रायपुर नगर निगम की ओर से भी इस संदर्भ में जानकारी और कुंड की सफाई के फोटोग्राफ प्रस्तुत किए गए।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के नदी-तालाबों में विसर्जन के बाद सफाई न करने पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर राज्य शासन को पूरे प्रदेश के हर जिले की रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि खारून नदी महादेव घाट रायपुर में प्रतिमा विसर्जन के लिए बनाए गए कुंड की सफाई न होने से दलदल बन गया हैं, जहां बच्चे खेल रहे हैं। इससे जनजीवन को खतरा है। कोर्ट के निर्देशानुसार कलेक्टर रायपुर ने अपना निजी शपथपत्र प्रस्तुत किया। इसमें कहा है कि एनजीटी और राज्य द्वारा जारी निर्देश अनुसार भगवान गणेश और मां दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है।विसर्जन कुंड खारुन के पास महादेव घाट में निर्मित किया गया है। यह एक स्थायी संरचना है और इसकी लंबाई 50 मीटर, चौड़ाई 30 मीटर और 10 मीटर गहराई है। वहां हर साल तंबू, गोताखोर, पीने का पानी और पुलिस बल के साथ पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा मूर्ति विसर्जन के समय कराई जाती है। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के साथ निगम कर्मियों की ड्यूटी भी लगाई जाती है।
पानी साफ करने के साथ मलबा नीलामी की जानकारी दी
कलेक्टर ने शपथपत्र में बताया कि कुल 1800 बड़ी मूर्तियाँ और 5401 छोटी मूर्तियों का विसर्जन किया गया है। विसर्जन के बाद मलबा और अन्य सामान हटाने के लिए ठेका दिया गया। प्रतिमाओं के विसर्जन के बाद विसर्जन कुंड खाली कर दिया गया है। अपशिष्ट जल को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के माध्यम से साफ करने के बाद ही नदी में डाला गया है। बाद में अवशेषों की नीलामी भी ठेके के माध्यम से कराई गई है।
उक्त ठेकेदार ने सभी का उठाव कर लिया है। विसर्जन कुंड को भी साफ़ कर दिया गया है। इस संदर्भ में नवीनतम फ़ोटो भी प्रस्तुत किए गए।