बिलासपुर। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी ने दहेज प्रताड़ना के एक प्रकरण को संदेहास्पद एवं झूठा पाकर आरोपियों को दोष मुक्त किया है। कोर्ट ने सुनवाई के बाद पाया कि दहेज प्रताड़ना, घरेलू हिंसा का मामला साबित नहीं हुआ है।
अभियुक्त की ओर से अधिवक्ता सागर सोनी द्वारा पैरवी करते हुए सारे तथ्य प्रस्तुत करते हुए बताया गया कि पत्नी ने झूठे आरोप लगाकर शिकायत दर्ज कराई है। स्थानीय महिला थाने में पत्नी ने अपने पति एवं उसके परिवार व रिश्तेदार के खिलाफ 19 नवम्बर 2022 को दहेज प्रताड़ना की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। 9 दिसंबर 2022 को कोर्ट में अभियोग पत्र प्रस्तुत हुआ। दो साल के ट्रायल के बाद कोर्ट ने मामले को झूठा पाया।
उल्टे पत्नी ही कर रही थी प्रताड़ित, परेशान सौतेली बेटी ने पी लिया था फिनायल
प्रार्थीया और आरोपी पति दोनों का दूसरा विवाह हुआ था। पति की पूर्व पत्नी से एक पुत्री भी थी जिसे दूसरी पत्नी द्वारा लगातार प्रताड़ित किया जाता था। लगातार प्रताड़ना और पिटाई से त्रस्त अभियुक्त की नाबालिग पुत्री ने फिनायल भी पी लिया था। जब पत्नी पर इसका आरोप लगा तो कार्रवाई से बचने के लिए प्रार्थिया ने अभियुक्त समेत रिश्तेदारों एवं परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना की झूठी शिकायत दर्ज की। इसमें पति, उसकी मौसी, देवर, भतीजे- भतीजी आदि को आरोपी बनाया गया था। ट्रायल के दौरान कोर्ट ने पाया कि पत्नी को न तो मारपीट के कारण न कोई चोट है न पूर्व में कभी कोई शिकायत की गई। साथ ही धोखा देकर विवाह करने और रुपए मांगने की बात भी साबित नहीं हुई और कोर्ट ने सभी आरोपों को गलत पाया।