बिलासपुर. कलेक्टर अवनीश शरण की अध्यक्षता में डीएमएफ शासी निकाय की चौदहवीं बैठक जिला कार्यालय के मंथन सभाकक्ष में आयोजित की गई। जिसमें डीएमएफ के संबंध में भारत सरकार द्वारा जारी नये मार्गदर्शिका की जानकारी दी गई और इस पर विस्तृत रूप से विचार विमर्श किया गया। केंद्रीय शहरी विकास राज्य मंत्री श्री तोखन साहू, विधायक धरमलाल कौशिक, धरम जीत सिंह, अटल श्रीवास्तव, दिलीप लहरिया, सुशांत शुक्ला भी बैठक में शामिल हुए।
कलेक्टर अवनीश शरण ने बैठक में नियमों के बदले प्रावधानों से सदस्यों को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि अब खदान के 15 किलोमीटर दायरे को प्रत्यक्ष खनन प्रभावित क्षेत्र और 25 किलोमीटर इलाके को अप्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्र माना जाएगा। हमारे जिले की सीमा जो पड़ोसी जिले की प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष प्रभावित जोन में आता हो, तो उसका सर्वे कर संबंधित जिलों को रिपोर्ट दिया जाएगा। संबंधित जिले द्वारा उन क्षेत्रों के विकास के लिए राशि आवंटित की जाएगी। नए नियमों में प्राथमिकता क्षेत्र में विकास के लिए राशि का आवंटन 60 से बढ़ाकर 70 प्रतिशत कर दिया गया है। स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, महिला सशक्तिकरण आदि प्राथमिकता सेक्टर में शामिल हैं। अन्य प्राथमिकता सेक्टर में राशि 40 प्रतिशत से घटकर 30 प्रतिशत किया गया है। बिलासपुर जिले की डीएमएफ फंड में कोरबा जिले का बड़ा अंशदान होता था। नए नियमों के तहत अब इसकी संभावना बहुत कम हो जायेगी।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत रेत का मामला भी बैठक में उठा। कलेक्टर ने कहा कि इस पर रोक नहीं है, लेकिन संबंधित के पास पीएम आवास निर्माण किए जाने का सरपंच अथवा जनपद पंचायत का प्रमाण पत्र होना चाहिए ताकि उनकी पहचान हो सके। उन्हें रात में ढुलाई करने की अनुमति नहीं दी जायेगी। श्री शरण ने डीएमएफ मद से पूर्व में स्वीकृत कार्यों के निर्माण में तेजी लेकर अगले 15 दिवस में पूर्ण कराने के निर्देश दिए ताकि नए पंचायत चुनाव के बाद किसी तरह की परेशानी अथवा हिसाब में गड़बड़ी की नौबत ना आए। गौरतलब है कि जनवरी 2024 में आयोजित शासी निकाय की बैठक में 62 करोड़ के 183 विकास कार्यों का अनुमोदन किया गया था। इनमें से 41 करोड़ के कार्यों की स्वीकृति दी गई और 20 करोड़ के कार्यों के लिए राशि जारी की गई। जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल ने बैठक के अंत में आभार व्यक्त किया। बैठक में निगम आयुक्त अमितकुमार, संयुक्त कलेक्टर और डीएमएफ प्रभारी मनीष साहू सहित डीएमएफ शासी समिति के अन्य सदस्य और संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।